कलेक्टर का चयनित संस्थाअों को रोल मॉडल बनाने पर फोकस



झाबुआ।

इन दिनों कलेक्टर रोहित सिंह के मार्गदर्शन में जिले की विशिष्ट चयनित शैक्षणिक संस्थाओं को रोल मॉडल बनाया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद जिले में भ्रमण के दौरान यह पाया गया था कि शैक्षणिक संस्थानों को ओर अधिक दृढ़ व सशक्त बनाए जाने की महती आवश्यकता है। उसी परिप्रेक्ष्य में 8 अक्टूबर को कलेक्टर द्वारा ली गई विभागीय बैठक में शैक्षणिक गुणवत्ता व शाला परिसर के सौंदर्यीकरण पर विशेष बल दिया था। साथ ही प्रति विकासखण्डवार ps ms hs hss आश्रम व छात्रावास संस्थाएं चयनित की जा कर उनको उत्कृष्ट संस्थान विद्यालय बनाए जाने के लिए आवश्यक निर्देश सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य व शेष विभागीय अमले को जारी किए गए थे।

उसी श्रृंखला में इन्हीं विशिष्ट चयनित स्कूलों का सुदृढ़ीकरण उनकी शिक्षा गुणवत्ता व सौंदर्यीकरण इन दिनों शालाओं तथा छात्रावासों में किया जा रहा है। कलेक्टर गत वर्ष राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल में महत्वपूर्ण पद पर रह चुके है अतः शिक्षा के प्रति इनका दृष्टिकोण बहुत व्यापक एवं प्रेक्टिकल है।

जिले की बहुत सी संस्थाएं प्रति विकासखण्ड वार 5 ps 5 ms 5 आश्रम शालाएं 5 छात्रावास 5 hs 5 hss इस समय कलेक्टर के निर्देशानुसार व सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य आदिवासी विकास की सतत मॉनिटरिंग तथा कार्यानुभव में निखरने लग गई है, जो संस्थाएं चयन की गई है इस समय देखते ही बनती है। इसी क्रम में अन्य संस्थाओं में भी उनके सौंदर्यीकरण एवम सुदृढ़ीकरण का कार्य तीव्रता के साथ चल रहा है।

इस कार्य में सहायक आयुक्त के साथ संपूर्ण विभागीय शैक्षणिक अमला विकासखण्ड शिक्षाधिकारी प्राचार्य अपने अपने क्षेत्र में इसी गुणवत्ता निखार में लगे हुए है। फोटोग्राफ्स विभाग को उपलब्ध करवा रहे है। इसका एक प्रयास यह भी है कि इस अंचल में शालेय सौंदर्य से आकर्षित हो कर छात्र नियमित अध्ययन हेतु उपस्थित हों । कलेक्टर झाबुआ का मानना है कि यदि शाला भवन आकर्षित होगा तो छात्र छात्राएं आकर्षित रहेगी।

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