मध्यप्रदेश अवैध कॉलोनियों के कलंक से मुक्त होगा – मुख्यमंत्री चौहान



– कॉलोनी नियमितीकरण कार्य 7 अप्रैल से शुरू होगा

thedmnews.in भोपाल. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की कॉलोनियों को अवैध के कलंक से मुक्त किया जाएगा.कॉलोनियों के नियमितीकरण का कार्य 7 अप्रैल से शुरू होकर 15 अगस्त तक पूर्ण किया जाएगा. उन्होंने असंगठित मजदूर पंजीयन कार्य अभियान के रूप में करने के निर्देश भी दिये हैं.thedmnews.in

चौहान सी.व्ही.पी.नरोन्हा प्रशासन अकादमी में अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण संबंधी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.कार्यशाला का आयोजन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा किया गया था. गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी मोघे मौजूद थे. मुख्यमंत्री चौहान ने आजीविका मिशन (शहरी) में प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त होने का प्रमाण-पत्र मंत्री श्रीमती माया सिंह को सौंपा.thedmnews.in

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था जनता के लिये है. नियम, कायदे और कानून सब जनहितकारी होने पर ही मान्य हैं. ऐसा नहीं होने पर, उन्हें बदला जायेगा. सरकार ने अवैध कॉलोनी के दर्द को समझ कर नियमित करने का कार्य किया है.विस्थापितों के पट्टे और मर्जर की समस्याओं का समाधान किया है. नियमितिकरण कार्य व्यवहारिक और रहवासियों के जीवन में खुशियों के रंग भरने के दृष्टिकोण के साथ उत्साह और उमंग से किया जाये.नियमितिकरण की प्रक्रिया में बाधा स्वीकार नहीं की जायेगी. जहाँ रास्ता नहीं होगा, वहाँ नियमों में परिवर्तन-परिवर्धन कर रास्ता निकाला जायेगा. उन्होंने नगरीय नियोजन में भविष्य में शहरों में आने वाली आबादी के लिये सुविधाजनक आवास की सुविधा की व्यवस्थाओं के प्रावधान रखने की जरूरत बतायी. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास ‘विकास का प्रकाश’ हर गरीब तक पहुँचाने का है. उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनी नियमितिकरण की वे स्वयं नियमित मॉनीटरिंग करेंगे.thedmnews.in

असंगठित श्रमिक पंजीयन को अभियान का रूप दें: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चौहान ने असंगठित मजदूरों के लिये बनायी गई, सबसे बड़ी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना सेवा का नया इतिहास रचने का अवसर है. योजना में पंजीयन का कार्य एक से 14 अप्रैल तक अभियान के रूप में किया जाये. सुनिश्चित किया जाये कि रहने के लिये भूमि का टुकड़ा अथवा आवास, नि:शुल्क उपचार, नि:शुल्क शिक्षा, पोषण आहार, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएँ मजदूरों को पंजीयन के साथ ही मिलें. असंगठित मजदूरों में किसान, जिनके पास एक हेक्टेयर से कम भूमि है, भी शामिल किए गए है.thedmnews.in

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं पर गलत नजर रखने वालों के विरुद्ध ऐसी कड़ी कार्रवाई करें कि बदमाशों में भय का वातावरण व्याप्त हो जाये. उन्होंने कहा कि गुंडों, बदमाशों के अतिक्रमण सख्ती के साथ ध्वस्त किये जायें. यह भी ध्यान रखा जाये कि आम नागरिक सताये नहीं जायें. चौहान ने स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर कार्य के लिये सभी नगरीय निकायों को बधाई दी.thedmnews.in

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि नगर की सभी कॉलोनियों में विकास के कार्य समान रूप से हो सकें, इसलिये अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया बनायी गयी है. इससे करीब 4 हजार 500 अवैध कॉलोनियाँ नियमित हो जायेंगी. वैधानिक प्रक्रिया द्वारा अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा. पूर्व में 31 दिसम्बर, 2012 की अवधि तक स्थापित अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण किया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2016 तक की कॉलोनियों के लिये कर दिया गया है. विकास व्यय में रहवासी अंशदान को घटाकर 20 प्रतिशत किया गया है. शेष राशि संबंधित निकाय द्वारा वहन की जायेगी. सांसद और विधायक निधि का भी उपयोग हो सकेगा. रहवासियों को बिजली, पानी, सीवेज जैसी जन सुविधाएँ सामान्य वैध कॉलोनियों की भांति सर्विस प्रभार पर मिलेंगी.thedmnews.in

मुख्य सचिव बी.पी. सिंह ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रभावी प्रयास किया गया है. अवैध कॉलोनियों के मूल कारणों को चिन्हित कर, उनके समाधान के प्रयास हुए हैं.उन्होंने कहा कि इन प्रयासों की सफलता और सार्थकता तभी है जब समस्त अवैध कालोनियाँ वैध हो जायें और कोई नई अवैध कालोनी नहीं बने.
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विवेक अग्रवाल ने बताया कि कार्यशाला अवैध कॉलोनियों को नगर की मुख्य-धारा में शामिल करने के लिये नियमितकरण की प्रक्रिया और नियमों की जानकारी देने के लिये की गई है. आवश्यकता होने पर वैधानिक प्रावधानों को सरल भी बनाया जायेगा.कार्यशाला में नियमितिकरण प्रक्रिया से संबंधित सवाल-जवाब, सामूहिक चर्चा और सुझाव के सत्र होंगे.उन्होंने बताया कि पहले कॉलोनियों को वैध किया जायेगा, बाद में शेष औपचारिकताएँ होगी. नियमितिकरण से करीब 25 लाख शहरी आबादी लाभान्वित होगी.उन्होंने बताया कि शहरी विकास योजना के संचालन में प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है.

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