गायत्री शक्ति पीठ पर हुआ श्राद्ध व तर्पण




राजेन्द्र सिंह भोपाल। एते भवन्तु सुप्रीता:प्रयछन्तु च मंगलम ।(हमारा मंगल करो और अमंगल दूर करो।)   तर्पण, श्रमदान स्वेद बिंदुओं का प्रतीक है। वृक्षारोपण, शिक्षा संवर्धन, स्वच्छता, सुव्यवस्था जैसी कृत्यों में किया हुआ श्रम भी तर्पण होता है। लोक मानस के परिष्कार में लगाया गया धन , श्रम भी श्राद्ध ही होता है। यह जानकारी गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर सर्व पितृमोक्ष अमावस्या पर सामूहिक तर्पण कराते हुए श्री देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने दी। आपने बताया कि लोकोपयोगी कार्यों में अपनी प्रतिभा, समय ,श्रम को लगाना वास्तविक दान है, समय दान की आज की सबसे बड़ी महत्ता है‌। अतः सभी श्रद्धालु समाज में उत्तम कार्य के प्रचार प्रसार के लिए अपनी प्रतिभा , पुरुषार्थ, ज्ञान ,समय,और  धन का एक अंश  लगाते रहने का संकल्प लेकर जाएं।सर्वपितृमोक्ष अमावस्या 6अक्टूवर 2021को यहां  325 से अधिक श्रद्धालुओं ने  अपने पितरों को तर्पण पिंडदान करने के बाद उनसे अपने गोत्र एवम सन्तति की वृद्धि हो, हम दाता बने, हम किसे से मांगने न जाएँ, हमारा मंगल करो और अमंगल दूर करो का आशीर्वाद मागते हुए विदा किया।    16 दिनों तक चले सामूहिक तर्पण पिंडदान के साथ 1000 से अधिक लोगों ने खान – पान संबंधित बुराई को छोड़ा, घर में दो डस्टबीन रखने, घर के सेवकों के सुख दुख भी भागीदारी बनने, गौशाला के उत्पाद जैसे मंजन, शैम्पू, साबुन, गौ  मूत्र अर्क नित्य उपयोग करने और घर में बुजुर्गों के आदर सम्मान के लिए संकल्प लिया। प्रत्येक श्रद्धालु ने नियमित गायत्री महामंत्र जप का संकल्प लिया, इनमे से 100 अधिक श्राद्धालु 7/10/2021से आरंभ हो रही नवरात्रियों में गायत्री अनुष्ठान भी करेंगे। करीब 350 गायत्री मंत्र लेखन पुस्तिका भी यहां  वितरित की गई।श्राद्ध तर्पण एवम पिंडदान के सुचारू संचालन के लिए पूरे सोलह दिनों तक  श्रीमती आशा सेन, नरेंद्र सिंह सिकरवार,  सोनू सोलंकी, सजल जाधव, श्रीमती लक्ष्मी कानडे,  लव शर्मा और राहुल कीर ने नियमित समयदान किया। उज्जैन जिले के गायत्री शक्तिपीठ नागदा और ग्राम माकड़ौन में भी सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर सामूहिक तर्पण पिंडदान में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भागीदारी की।       

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