AIR POLLUTION से कम होती है सोचने की क्षमता



नई दिल्‍ली.

वायु प्रदूषण से न सिर्फ हमारा श्वसन तंत्र प्रभावित होता है, बल्कि मस्तिष्क पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। बुजुर्गों को तो मुंह से शब्द तक निकालने में परेशानी होती है।एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण से हमारा मस्तिष्क भी प्रभावित होता है। खासतौर पर बुजुर्गों के दिमाग पर तो वायु प्रदूषण का इतना बुरा असर होता है कि बहुत से लोग तो बोलने के लिए मुंह से शब्द तक निकालने में संघर्ष करते नजर आते हैं। हिसाब लगाने की क्षमता भी बहुत अधिक घट जाती है।
अमेरिका की येल और चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के द्वारा किए गए एक साझा शोध में कहा गया है कि अगर कोई इंसान लंबे समय तक वायु प्रदूषण की चपेट में रहता है, तो उसके संज्ञान लेने या अनुभूति करने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। यह प्रतिकूल प्रभाव महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखा गया, खासतौर पर बुजुर्गों में।

इस शोध के दौरान साल 2010 से 2014 के बीच चीन के करीब 32 हजार लोगों का सर्वे किया गया और वायु प्रदूषण का उनकी सेहत और दिमाग पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक, दोनों ही स्तर पर क्या असर पड़ता है, इसकी जांच की गई।

इस शोध के मुख्य लेखक जियाबो जैंग की मानें तो वायु प्रदूषण की वजह से लोगों की बोलने की क्षमता ज्यादा प्रभावित होती है। खासतौर पर पुरुषों में यह समस्या उम्र के साथ बढ़ती जाती है। जैंग कहते हैं कि संज्ञानात्मक कुशलता में किसी भी तरह की कमी या रुकावट अल्जाइमर या डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ाती है।

वॉशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की मानें तो इस शोध के नतीजे बताते हैं कि वैसे लोग जो लंबे समय तक वायु प्रदूषण की चपेट में रहते हैं, उनकी बोलने और गणित यानी हिसाब लगाने की क्षमता बहुत अधिक घट जाती है। साभार अमर उजाला

www.thedmnews.com

कमेंट करें/ दोस्‍तों के साथ शेयर करें।

[frontpage_news widget="10514" name="Latest News"]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *