वंदेमातरम पर अस्थायी रोक को लेकर कमलनाथ ने दी सफाई



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भोपाल. मध्य प्रदेश में लंबे समय से चल रही एक परंपरा नए साल (2019) की पहली तारीख को टूट गई। दरअसल, सचिवालय में हर महीने की पहली तारीख को राष्ट्रगीत गाने की परंपरा थी लेकिन 1 जनवरी 2019 को परिसर में वंदेमातरम के बोल नहीं गूंजे। इस पूरे मामले में जब बीजेपी ने कमलनाथ के नेतृत्ववाली कांग्रेस सरकार पर हमला करना शुरू किया तो एमपी के मुख्यमंत्री ने आगे आते हुए सफाई दी। कमलनाथ ने कहा कि वह वंदेमातरम को एक अलग रूप देंगे और इसकी जल्द (बुधवार या गुरुवार को) घोषणा हो जाएगी। इस मुद्दे पर अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी हमला बोला है। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया है कि क्या वंदेमातरम का अपमान उनका निर्णय है?

कमलनाथ ने कहा, ‘हर महीने की 1 तारीख को मंत्रालय में वंदेमातरम गाने की अनिवार्यता को फिलहाल अभी बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय न किसी अजेंडे के तहत लिया गया है और न ही हमारा वंदेमातरम गान को लेकर कोई विरोध है। वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है। हम भी समय-समय पर इसका गान करते हैं। हम इसे वापस प्रारंभ करेंगे लेकिन एक अलग रूप में।’

‘वीर बलिदानियों का कांग्रेस ने किया है अपमान’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘हिंदुस्तान के हृदय मध्य प्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बनाती कांग्रेस सरकार। मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम गाने पर प्रतिबंध लगाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है। वंदेमातरम मात्र एक गीत भर नहीं होकर यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक एवं प्रत्येक भारतीय का प्रेरणाबिंदु है। वंदेमातरम में संपूर्ण भारत की रागात्मक अभिव्यक्ति समाहित है। वंदेमातरम पर प्रतिबंध लगाकर कांग्रेस ने न सिर्फ देश की स्वाधीनता के लिए वंदेमातरम का जयघोष गाकर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर बलिदानियों का अपमान किया है बल्कि यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ भी विश्वासघात है।’

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