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नई दिल्ली. आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. यूथ फॉर इक्विलिटी ने संविधान संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि ये संशोधन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता.
बता दें कि मोदी सरकार की ओर से देश भर के गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला ऐतिहासिक विधेयक बुधवार को राज्यसभा में भी पास हुआ. लोकसभा और राज्यसभा से इस बिल के पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे सामाजिक न्याय की जीत बताया और कहा कि यह देश की युवा शुक्ति को अपना कौशल दिखाने के लिए व्यापक मौका सुनिश्चित करेगा तथा देश में एक बड़ा बदलाव लाने में सहायक होगा. पीएम मोदी ने कई ट्वीट में लिखा, ‘‘खुशी है कि संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पारित हो गया है जो सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने के लिए संविधान में संशोधन करता है. मुझे देखकर प्रसन्नता हुई कि इसे इतना व्यापक समर्थन मिला.”
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान (124वां संशोधन) विधेयक, 2019 के संसद के दोनों सदनों में पारित होना सामाजिक न्याय की जीत है. यह युवा शक्ति को अपना कौशल दिखाने का व्यापक मौका प्रदान करता है और देश में एक बड़ा बदलाव लाने में सहायक होगा.” उन्होंने कहा कि विधेयक का पारित होना संविधान निर्माताओं और महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने एक ऐसे भारत की परिकल्पना की जो मजबूत एवं समावेशी हो. राज्यसभा ने बुधवार को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने वाले संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी.
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