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नई दिल्ली. कर्नाटक में भाजपा सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि बुधवार को उसके मंसूबों पर पानी फिर गया क्योंकि कांग्रेस-जद(एस) के गठबंधन वाली सरकार से नाखुश विधायकों ने उसके ऑपरेशन लोटस को आखिरी क्षण में अपना समर्थन देने से मना कर दिया. राज्य में सरकार बनने के बाद यह भाजपा की दूसरी कोशिश थी जोकि विफल हो गई है. कर्नाटक भाजपा का ऑपरेशन लोटस पूरी तरह फैल हो गया है.
भाजपा की योजना थी कि वह कांगेस के 12-15 विधायकों का इस्तीफा करवा लेगी और खुद सत्ता पर काबिज हो जाएगी. भाजपा ने अपने विधायकों को पिछले कुछ दिनों से गुड़गांव में एक होटल में ठहरा रखा था. वहीं कांग्रेस के चार विधायकों को मुंबई और दूसरे स्थानों पर रखा हुआ था. जब उसे अहसास हुआ कि पर्याप्त संख्या में कांग्रेस के विधायक इस्तीफा नहीं देंगे तो भाजपा के राज्य अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी के विधायकों से कहा कि ऑपरेशन लोटस को खत्म कर दिया गया है.
येदियुरप्पा ने पार्टी के विधायकों से कहा, ‘पार्टी हाईकमान चाहता है कि कांग्रेस-जद(एस) के 16 विधायक इस्तीफा दें वह भी एकसाथ. शनिवार तक लगभग कांग्रेस के 12 विधायकों ने हमें इस बात का आश्वासन दिया था कि वह अपना दल बदल लेंगे लेकिन अब वह पीछे हट गए हैं. इसलिए हम इस ऑपरेशन को खत्म कर रहे हैं.’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है ताकि विधायकों को एकजुट रखा जा सके. विधायकों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि पार्टी दलबदल विरोधी कानून के अंतर्गत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जो बैठक में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘ऑपरेशन लोटस विफल हो गया. यह भाजपा के चेहरे पर एक चमाचा है जो अवैध तरीके अपनाकर राज्य की सरकार को गिराना चाहता थी.’
सरकार गिराने के आरोपों पर येदियुरप्पा ने कहा, ‘हम किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं हैं. भाजपा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. वह खुद मंत्री पद और पैसे की पेशकश कर रहे हैं.’
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