आलीराजपुर।
आदिवासी अंचल आलीराजपुर जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था और कन्या महाविद्यालय खोलने के संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से कांग्रेस पदाधिकारियों ने चर्चा की है। साथ ही सीएम को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग भी की गई है। जिला मुख्यालय पर लंबे समय से कन्या महाविद्यालय की दरकार है। यदि महाविद्यालय खुलता है तो ग्रामीण क्षेत्रों से उच्च शिक्षा के लिए आने वाली लड़कियों को अत्यधिक लाभ होगा, क्योंकि मौजूद पीजी महाविद्यालय में सीटें कम होने के कारण हर साल कई छात्राएं प्रवेश से वंचित रह जाती है और मजबूरी में उन्हें दूसरे जिले का रूख करना पड़ता है।
झाबुआ आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से आलीराजपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश पटेल ने भेंट कर उनसे आलीराजपुर में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोलने और जिले की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर चर्चा की और ज्ञापन सौंपा। पटेल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अालीराजपुर में शासकीय कन्या महाविद्यालय नहीं होने से क्षेत्र की छात्राओं को उच्च अध्धयन के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर में स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वर्तमान में करीब 3500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इनमें 1800 छात्राओं की संख्या है। हर वर्ष इस महाविद्यालय में प्रवेश के लिए छात्र छात्राओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर छात्राओं को बहुत परेशानियां आती है। प्रवेश नहीं मिल पाने के कारण अन्य जिलों में उन्हें जाना पड़ता है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र की गरीब आदिवासी छात्राअों को बहुत परेशानियां आती है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कन्या महाविद्यालय है मगर अालीराजपुर में महाविद्यालय नहीं है। पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि यदि यहां कन्या महाविद्याल की स्वीकृति मिलती है तो यहां भवन की भी कोई परेशानी नहीं है। फतेह क्लब के पास एक भवन रिक्त पड़ा है। इसमें 1972 से लेकर 1982 तक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का संचालन हुआ था। शासन स्तर से कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति मिलती है तो शासन को यहां भवन संबंधी कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा। नगर पालिका भी भवन उपलब्ध कराने को तैयार है। इसके अलावा पटेल ने जिले की बिगड़ी शिक्षा व्यवस्था को भी चुस्त-दुरुस्त करने की मांग मुख्यमंत्री से की। पटेल ने बताया कि जिले में लंबे समय से बीईओ, प्राचार्य, व्याख्याता, बीआरसी आदि शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। साथ ही जिले में नियम विरुद्ध तरीके से बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षिकाओं के अटैचमेंट भी कर रखे है। शिक्षकों के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की स्कूल अक्सर बंद रहती है। यहां शिक्षकों की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से प्रतिवर्ष जिले का रिजल्ट भी बिगड़ता है। साथ ही नियमानुसार ईमानदारी पूर्वक शिक्षक शिक्षिकाओं के युक्तियुक्तकरण करने की बात भी मुख्यमंत्री के सामने रखते हुए जिले की शैक्षणिक व्यवस्था को उत्कृष्ट और बेहतर बनाए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने पटेल को आश्वस्त किया कि इस संबंध में वे शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करेंगे। इस दौरान कांग्रेस नेता ओम राठौर, सानी मकरानी, खुर्शीद दीवान, राजेश चौधरी, सिराजुद्दीन पठान, रवीन्द्र वाणी आदि उपस्थित थे।
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