कमलनाथ सरकार को लक्ष्मण सिंह की नसीहत – मजबूर नहीं मजबूत मुख्यमंत्री बनो



भोपाल. राजेन्द्र सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चांचौड़ा विधायक की अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ नाराजगी कम होती नहीं दिख रही है। आये दिन वे सरकार पर जुबानी हमले करते रहते हैं। मंगलवार को विधानसभा दौरे में उन्होंने एक बार फिर से प्रदेश के मुखिया कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि मजबूर नहीं मजबूत मुख्यमंत्री बनकर दिखाइए। सरकार चलाने पर ध्यान दें सरकार बचाने पर नहीं।

क्या है मामला
चांचौड़ा अस्पताल के ड्रेसर ने अपने निजी क्लीनिक पर एक महिला का इलाज किया था। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि ड्रेसर के गलत इलाज से महिला चल बसी। परिजनों ने थाने के सामने शव रखकर ड्रेसर पर मुकदमा दर्ज करने की माँग भी की थी। विधायक मृतक महिला के घर सांत्वना देने पहुंचे थे। वहां से अस्पताल पहुंचकर उन्होंने रजिस्टर में शिकायत दर्ज की। अस्पताल में गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकार भी मौजूद थे। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उन्होंने 4 डॉक्टरों के ट्रांसफर के लिए आदेश करवाया था जिला प्रशासन ने सहयोग नहीं किया। यह मेरा नहीं चांचौड़ा विधानसभा की जनता का अपमान है।
श्री सिंह ने पत्रकारों से कहा कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून आदि की व्यवस्था बेहाल हैं। अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। गुना की प्रभारी मंत्री से बात करने पर ऐसे लगता है जैसे दीवार से बात कर रहे हों।

अंडा नहीं मक्का की महेरी खिलाओ
आंगनवाड़ी और मध्यान्ह भोजन में बच्चों को अंडा नहीं बल्कि मक्का की महेरी ओर दूध दिया जाना चाहिए। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और बच्चों को पोष्टिक भोजन भी मिलेगा। यह माँग करते हुए लक्ष्मण सिंह ने बताया कि भोजन निजी विषय है लेकिन जब जनता अंडे को पसंद नहीं कर रही तो सरकार को भी गम्भीरता से सोचना चाहिए।

छलका दर्द
उन्होंने कहा कि मेरे लिखे पत्रों को जिला प्रशासन दबा लेता है। मेरे ही विधानसभा क्षेत्र में पुलिस द्वारा चुन चुनकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला ही नहीं राज्य सरकार भी मेरी उपेक्षा कर रही है। मुझे योजना मण्डल की बैठक की सूचना तक नहीं दी जाती।
अपनी बेबाक शैली के कारण लक्ष्मण सिंह शुरू से ही मीडिया की सुर्खियों पर सवार रहते हैं। फिलहाल चांचौड़ा को जिला बनाने की माँग को लेकर चर्चा में हैं। वहीं उनके समर्थक उन्हें केबिनेट मंत्री बनबाने के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठाते रहते हैं।

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