बेवफा पत्नी और प्रेमी सहित तीन को आजीवन कारावास (बहुचर्चित मनीष मीणा हत्याकांड में अदालत का अहम फैसला)



भोपाल। राजेन्द्र सिंह
उज्जैन में लवजिहाद की बढ़ती घटनाएं सामाजिक तानेबाने को उलझा रही है। ऐसे ही एक मामले में बेवफा पत्नी ने अपने प्रेमी के हाथों अपने ही पति की हत्या करवा दी।
इस मामले में न्यायालय जिला एवं सत्र के न्यायाधीश जिला उज्जैन द्वारा आरोपीगण हनीफ पिता अनवर खॉ, उम्र 27 वर्ष, निवासी खंदार मोहल्ला उज्जैन, रिजवान पिता अब्दुल रईस अंसारी, उम्र 22 वर्ष निवासी छोटी खंदार नलिया बाखल उज्जैन, मीनाक्षी शर्मा पति मनीष मीणा, उम्र 28 वर्ष निवासी विवेकानन्द कॉलोनी उज्जैन को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं आरोपी इंजमामउद्दीन उर्फ जमाम पिता रफीकउद्दीन, उम्र 20 वर्ष निवासी खंदार मोहल्ला नलिया बाखल उज्जैन को धारा 201 भादवि 07 वर्ष सश्रम कारावास धारा 25,27 आयुध अधिनियम में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास से दण्डित किया गयाहै।

प्रेम कहानी का दुखद अंत
फाइनेंस कम्पनी में काम करनेवाला मनीष मीणा सम्पन्न परिवार का इकलौता चश्मोचिराग था। उसकी पहचान मीनाक्षी शर्मा से हुई । घरवालों के मना करने के बाद भी मनीष ने मीनाक्षी शर्मा के प्यार में अंधा होकर उससे अंतरजातीय विवाह कर लिया। मीनाक्षी का असली चेहरा मनीष देख नहीं पाया। वह विवाह के बाद हनीफ के साथ गुलछर्रे उड़ाने लगी। मनीष की दौलत पर दोनों के दिन मस्ती में बीत रहे थे। तभी एक दिन मोहल्ले वालों ने मीनाक्षी और हनीफ को पुलिस के हाथों रंगे हाथ पकड़ा दिया। मनीष के सामने अपनी बेवफा महबूबा का असली चेहरा सामने आ गया। उसने अपनी पत्नी को समझाना चाहा लेकिन मीनाक्षी और हनीफ ने मनीष को ही अपने रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा डाला।
उप-संचालक अभियोजन डॉ.साकेत व्यास ने बताया कि दिनांक 18.08.2015 को आरोपिया मीनाक्षी ने फरियादी बनकर पुलिस को रिपेार्ट दर्ज कराई थी कि उसके पति मनीष मीणा टाटा फाइनेंस कम्पनी की फ्रेचाईजी में होम लोन का काम करते है। मैं एनजीओ में जॉब करती हूॅ। आज सुबह मेरे पति को मोबाईल पर लगातार फोन आ रहे थे फोन पर कोई व्यक्ति उनको लगातार बोल रहा था कि तुम जल्दी ऑफिस आ जाओ तब मै मेरे पति मनीष को उनके ऑफिस छोडने के लिये अपनी स्कूटी से करीबन 10ः30 बजे अपने घर से चली करीबन 10ः40 बजे हम लोग टॉवर पर पहुॅच गये थे, जहॉ मैने अपने पति मनीष को बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के पास छोडकर अपने काम से माधवनगर अस्पताल आ गई थी तभी मेरे मोबाईल पर मेरी मॉ का फोन आया और मुझे माधवनगर अस्पताल बुलाया। हमारे हॉस्पीटल पहूॅचने पर मेरे भाई अंकित ने मुझे बताया कि किसी ने जीजा को जान से मारने की नियत से सिर पर गोली मार दी है। रिपोर्ट पर देहाती नालसी धारा 307 भा.द.वि. की दर्ज की गई।
दिनांक 22.08.2015 को इलाज के दौरान मनीष की मृत्यु हो गई। विवेचना के दौरान घटना के स्वतंत्र साक्षी ने सूचना दी और बताया कि घटना दिनांक को समय सुबह 10ः30 बजे दोनो लोग टावर पर चाय पीने के बाद बसावडा पेट्रोल पंप की गली मे पेशाब करने गये तभी मनीष मीणा इन लोगो के पास से पैदल पैदल निकलकर गया और मनीष कुछ दूर गया था कि उसके पीछे लाल, काले रंग की मोटरसायकल पर 2 लडके गये, मोटरसायकल के पीछे बैठे लडके ने पिस्टल से गोली चलाकर मनीष मीणा के सर मे गोली मारकर सीधे मोटरसायकल से सनसाईन टावर तरफ भाग गये, मनीष नीचे गिर गया । हम लोग दोडकर उसके पास गये गोली की आवाज सुनकर और भी आसपास के लोग इकटठा हो गये। साक्षीगणो द्वारा बताये गये हुलिये के बदमाशो की तलाश की गई। दिनांक 03.09.2015 को एक साक्षी ने पुलिस को बताया कि मीनाक्षी का चाल चलन संदिग्ध है। पुलिस को छानबीन में मीनाक्षी के हनीफ से प्रेम प्रंसग की सूचना प्राप्त हुई। इस पर पुलिस ने हनीफ की व मीनाक्षी की कॉल डिटेल की छानबीन की। जिसमें हनीफ व मीनाक्षी के अवैध संबंध होना पाया गया। जांच करने पर यह तथ्य सामने आये की हनीफ व मीनाक्षी दोनो साथ-साथ बेगमबाम स्थित एक इन जी ओ में एक साथ काम करते है । उसका व मीनाक्षी का प्रेम प्रंसग पिछले चार-पॉच महीने से चल रहा था। जिसकी जानकारी मीनाक्षी के पति को हो गई थी और वह उस पर नोकरी छोड़ने का दबाब बना रहा था। इसलिए दोनों ने मनीष को रास्ते से हटाने और उसकी कमाई दौलत से ऐशो आराम की जिंदगी जीने की योजना बना डाली।
हनीफ अपने साथी रिजवान निवासी खंदार को साथ लेकर निकल पड़ा। उसने मोबाईल से मीनाक्षी ने हनीफ को मनीष की लोकेशन की जानकारी ले ली । हनीफ और रिजवान पहले से मनीष मीण के ऑफिस टॉवर चौराहे बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के साइट में खडे हो गये जैसे ही मीनाक्षी अपने पति मनीष को टॉबर पर छोडकर गई तभी गली में रिजवान और हनीफ पहुंच गए। हनीफ ने देशी पिस्टल से पीछे की ओर से मनीष के सिर में गोली मार दी और दोनों भाग निकले। जांच के दौरान पुलिस ने इंजमामउद्दीन से घटना में प्रयुक्त पिस्टल जप्त की। विस्तृत अनुसंधान के बाद आरोपीगण के विरूद्ध धारा 302,120-बी, 201 भादवि तथा 25, 27 आयुध अधिनियम में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण की प्रकृति, जघन्य एवं सनसनीखेज होने से उसकी समीक्षा माननीय संचालक अभियोजन पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा की जा रही थी एवं समय-समय पर पैरवीकर्ता को न्योचित एवं विधिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया था।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी राजकुमार नेमा, डी.पी.ओ, एवं सूरज बछेरिया, अति डीपीओ, जिला उज्जैन द्वारा की गई। यह जानकारी अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मुकेश कुन्हारे ने दी है।

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