कैलाश विजयवर्गीय बोले – जनता की नौकरी कर रहे हो या कमलनाथ की



इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के विधायक और पार्षदों के साथ आज प्रशासनीक अधिकारियों से मिलने वाले थे। इसके लिए भाजपा के नगर संगठन की ओर से एक पत्र संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, डीआईजी रूचिवर्धन मिश्र और निगम आयुक्त आशीष सिंह को भेजा गया था, कि हम दोपहर 1 बजे आपसे मिलना चाहते हैं, जब विजयवर्गीय रेसीडेंसी कोठी पहुंचे तो वहां एक भी अधिकारी नहीं मिला, जिस पर वे नाराज हो गए। रेसिडेंसी कोठी पर एडीएम बीबीएस तोमर के साथ पुलिस का बल खड़ा हुआ था। जब विजयवर्गीय ने पूछा कि अधिकारी क्यों नहीं आए हैं तो तोमर ने कहा कि आप हमें ही ज्ञापन दे दीजिए। इस पर विजयवर्गीय भड़क गए और उन्होंने कहा कि तुम कमलनाथ की नौकरी कर रहे हो या जनता की नौकरी कर रहे हो। कोई शिष्टाचार होता है या नहीं, यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि हम यहां ज्ञापन देने नहीं आए हैं, बल्कि अधिकारियों से चर्चा करने आए हैं। तोमर इस पर कुछ नहीं बोले।
विजयवर्गीय के साथ सांसद शंकर लालवानी, भाजपा नगर अध्यक्ष गोपी नेमा, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय और महेंद्र हार्डिया सहित पार्षद भी थे। विजयवर्गीय ने कहा यदि अधिकारी यहां रेसिडेंसी में नहीं आ सकते है तो हम उनके घर चलेंगे। इसके बाद कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारे लगाते हुए विजयवर्गीय के साथ संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के घर पहुंचे, वहां पूछा तो मालूम पड़ा कि त्रिपाठी तो हनुवंतिया गए हैं, इस पर वे बंगले के बाहर ही कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से कमलनाथ के ईशारों पर चल रहा है, जबकि अधिकारी यह नहीं समझ रहे हैं कि वे पहले जनता के सेवक हैं। आखिर में उन्होंने कहा कि मैं यहां ज्यादा नहीं बोलना चाहता हूं। आपने पार्टी और जनप्रतिनिधियों का अपमान किया है, इसका जवाब जनता समय पर देगी। करीब आधे घंटे तक कमीश्नर के बाहर बैठे रहे। विजयवर्गीय ने कहा कि शहर में धारा 144 लगी है इसलिए हम कानून का पालन करते हुए कोई धरना नहीं दे रहे हैं। इसके बाद वे पैदल ही कार्यकर्ताओ के साथ भाजपा कार्यालय के लिए निकल गए।

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