नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों ने एक दूसरे पर रविवार को लाठी से मारपीट करने और एक दूसरे पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया है। एक दूसरे पर हिसंक गतिविधि में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया। दोनों ही गुटों की तरफ से बताया गया कि रविवार को हुए इस घटनाक्रम में एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्र घायल ही गए हैं। कुछ छात्रों को एम्स व सफदरजंग अस्पताल भी ले जाया गया है।
बवाल के बाद जेएनयू कैंप में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं जेएनयू की तरफ जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत हिंसा को रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए।
आईशी घोष ने लगाया ABVP पर मारपीट का आरोप
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे ऊपर एबीवीपी (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। सिर और गंभीर रूप से छोटें आई हैं और खून निकला है। उनके साथ मौजूद छात्रों ने कहा कि उन्हें नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। दोनों गुटों के तरफ से दावा किया गया है कि इस घटना में कुछ शिक्षक भी घायल हुए हैं। आरोप है कि इस घटना में छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव को भी चोट आई है। छात्र संघ का आरोप है कि कई छात्र छात्रावास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन एबीवीपी ने उन पर हमला कर दिया और पत्थर फेंके।
एबीवीपी का आरोप मारपीट में उसके 25 छात्र घायल
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक एबीवीपी का आरोप है कि उसके 25 छात्र घायल हुए हैं। जबकि 11 के बारे में कोई जानकारी नही है कि वह इस समय कहां पर हैं। आरोप है कि एबीवीपी सदस्यों पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया है। हॉस्टल में रह रहे एबीवीपी से जुड़े छात्रों के साथ बर्बरता की जा रही है।
एबीवीपी ने लगाया वामपंथी छात्र संगठनों पर हमला करने का आरोप
वहीं एबीवीपी के जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने वामपंथी छात्र संगठनों और छात्र संघ पर आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन मॉनसून सेमेस्टर के लिए उन छात्रों का पंजीकरण का आखिरी दिन था, जो दिसंबर महीने में परीक्षा नहीं दे पाए थे। साथ ही जनवरी से शुरू होने वाले विंटर सेमेस्टर के लिए भी 5 जनवरी तक छात्रों को पंजीकरण कराने की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन दो से तीन दिनों से वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े कई छात्रों ने पंजीकरण को बाधित किया।
पंजीकरण जिस कार्यालय में ही रहा था, संचार व सूचना सेवा कार्यालय , उसकी इंटरनेट सेवा शनिवार रात को इनके द्वारा ठप कर दी गई। इसके कारण रविवार को पंजीकरण करने अंतिम दिन कोई पंजीकरण नहीं हो सका। रविवार को 3 बजे एबीवीपी से जुड़े छात्र प्रशासनिक भवन के पास स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर इकट्ठा हुए और कोशिश की की पंजीकरण की व्यवस्था को शुरू किया जा सके लेकिन इसके फौरन बाद वामपंथी छात्र संगठनों एक जुटे और हमारी ओर बड़े और हमला शुरू कर दिया।
कैंपस में तोड़फोड़ का आरोप
वहीं वामपंथी छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी ने कैंपस में तोड़फोड़ की है और उनके छात्रावास में घुसकर छात्रों को पीटा है। वहीं लेफ्ट ने सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट से इन्कार किया है। वहीं महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ छात्रों ने खराब व्यवहार किया और मारपीट की, वह जब छात्रों को संभाल रहे थे रविवार को तब ऐसा किया गया। सौ. जागरण