उत्कृष्ट प्राचार्य ने लिखी दो चिट्ठी, एक एसी को मिली एक नहीं



– 11 दिन में भी आदिवासी विभाग नहीं पहुंची चिट्ठी
– पारिवारिक कारणों से कार्य करने में जताई है असमर्थता

विकास कटारिया

झाबुआ, 21 अक्टूबर।
बीईओ आयशा सैयद कुरैशी ने दो चिट्ठी आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य को लिखी थी। एक चिट्ठी तो एसी को मिल चुकी है लेकिन एक
चिट्ठी अभी भी गुम है। गुम चिट्ठी को बीईअो ने 11 दिन पहले लिखा था और जो मिल चुकी है वो चिट्ठी बाद में लिखी गई थी। एेसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि पहले वाली चिट्ठी कहां अटक गई। बीईअो ने पारिवारिक कारणों से खण्ड शिक्षा अधिकारी और कन्या शिक्षा परिसर प्राचार्य के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का निवेदन अफसरों से किया है। पहले वाली चिट्ठी खण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रभार से मुक्त करने के संबंध में है। कन्या शिक्षा
परिसर प्राचार्य वाली दूसरी चिट्ठी एसी को मिल चुकी है, हालांकि दूसरी चिट्ठी के बारे में भी कोई निर्णय अफसरों ने फिलहाल नहीं लिया है। एसी का
कहना है कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। जिस पर निर्णय भोपाल या कार्य सुविधा की दृष्टि से डीसी करेंगे। दोनों ही पत्र में आयशा
कुरैशी ने पारिवारिक कारणों का उल्लेख किया है और अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का निवेदन अफसरों से किया है लेकिन जिस गति से आदिवासी विभाग में काम हो रहा है, उससे लगता है कि प्रक्रिया पूरी होने में वक्त लगेगा। अभी आयशा कुरैशी तीन-तीन दायित्व संभाल रही है। बीईअो, कन्या शिक्षा
परिसर प्राचार्य सहित उत्कृष्ट विद्यालय की वे प्राचार्य भी है। मानवीय पहलु को ध्यान में रखते हुए अफसरों को उनके पत्र पर गंभीरता से विचार कर
जल्द से जल्द उन्हें राहत देना चाहिए लेकिन हो इसके विपरित ही रहा है।

आयशा कुरैशी का एक पत्र हमें मिला है, जिसमें कन्या शिक्षा परिसर प्राचार्य के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का उल्लेख है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। वहीं उनके द्वारा बीईअो के प्रभार से भी मुक्त करने के लिए कोई पत्र लिखा गया है, ये अभी तक संज्ञान में नहीं आया है। ऐसा कोई पत्र फिलहाल नहीं मिला है।
प्रशांत आर्य, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग झाबुआ

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