झाबुआ 22 अक्टूबर।
इस वर्ष नवरात्रि में अष्टमी,नवमी व दशहरा को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है। आपके सभी सवालों के जवाब दे रहे है श्री चतुभुर्ज ज्योतिष कार्यालय
के पंडित हिमांशु शुक्ला। पं.शुक्ला के मुताबिक ज्योतिषीय आधार पर अष्टमी शुक्रवार प्रातः 7 बजे से प्रारंभ होकर शनिवार प्रातः 7 बजे तक रहेगी, जो
भक्त अष्टमी रात्रि में पूजते है उन सभी को शुक्रवार को पूजन करना होगा। जो प्रातः पूजते है वे शनिवार प्रातः 7 बजे के पूर्व पूजा कर सकते है।
वहीं शनिवार को प्रातः 7 बजे से नवमी लगेगी, जो रविवार को 7.41 प्रातः तक रहेगी जो प्रातः पूजन करते है वह रविवार को पूजन करें और जो रात्रि में
पूजते है वह शनिवार को पूजा करें। वहीं रविवार को 7.41 के बाद दशमी लग जाएगी। चुकी भगवान राम ने संध्या समय में दशमी में रावण वध किया था इस
कारण इसी दिन दशहरा माना जाएगा। विजय दशमी इसी दिन है। नए वाहन,नवीन कार्य प्रारंभ हेतु यह श्रेष्ठ मुहूर्त है।
