झाबुआ।
पुण्य सम्राट पूज्य श्री विजय जयंत सेन सुरेश्वर जी महाराज सा साहेब का 85 वा जन्म दिवस आज परिषद परिवार द्वारा बावन जिनालय जैन मंदिर जी पर मनाया गया
पूज्य गुरुदेव ने बाल्यावस्था में ही 17 वर्ष की उम्र में अपने गुरु श्री यतींद्र सुरेश्वर जी महाराज साहब से दीक्षा ग्रहण की और अपने आचरण और व्यवहार से निरंतर विहार का जिन शासन की खूब प्रभावना करी , गुरुदेव गुणों की खान थे और उनके गुणों को हमें अपने आचरण में और व्यवहार में उतार कर अपने जीवन को सफल बनाना है और ऐसा करने से ही यह जन्मोत्सव मनाया जाना सार्थक होगा उक्त विचार पूज्य आचार्य श्री नित्य सेन सुरेश्वर जी महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती साध्वी श्री पूज्य विद्वद गुणा श्री जी महाराज साहब ने गुणानुवाद सभा में व्यक्त किए
इस अवसर पर पूज्य साध्वी श्री रश्मि गुणाश्री जी महाराज साहब द्वारा गुरुदेव के जीवन में प
शब्द की महत्ता पर प्रेरक जानकारी प्रस्तुत की पूज्य गुरुदेव की मां पार्वती गुरुदेव का सांसारिक नाम पूनमचंद और अंत में पुण्य सम्राट की उपाधि दी प शब्द से प्रारंभ होती है और ऐसे कई शब्दों के नाम बताएं
पुण्य सम्राट के जन्मोत्सव पर परिषद परिवार द्वारा दिन भर धार्मिक आयोजन किए गए