विकास कटारिया
झाबुआ।
आदिवासी विकास जिला झाबुआ के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने झाबुआ उत्कृष्ट विद्यालय को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि 24 दिसंबर 2020 को अवर सचिव शासन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा निकाले गए आदेश आयशा कुरैशी प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उमावि झाबुआ का प्रशासकीय आधार पर स्थानांतरण शा उमावि बेड़दा जिला रतलाम होने से कार्यालयीन आदेश 26 दिसंबर से कार्यमुक्त किया जा चुका है। अत: प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उमावि झाबुआ का प्रभार कार्य व्यवस्था अंतर्गत अन्य आदेश पर्यन्त महेंद्र कुमार खुराना व्याख्याता शासकीय उत्कृष्ट उमावि झाबुआ को अपने कार्य के अतिरिक्त सौंपा जाता है।
उत्कृष्ट में अंगद का पांव बन गई थी आयशा कुरैशी
आयशा सैयद कुरैशी ने 31 मार्च 2010 को उत्कृष्ट विद्यालय का प्राचार्य पद संभाला था और 24 दिसंबर 2020 तक वे यहां प्राचार्य रही। पूर्व के तीन प्राचार्यों की बात करें तो सभी एक से दो साल ही प्राचार्य रहे जिसमें केदारनाथ गुप्ता 21-7-2005 से 28-9-2006 तक, सुचिता शिंदे 29-9-2006 से 1-09-2008 तक और लक्ष्मणसिंह चौहान 1-9-2008 से लेकर 31-03-2010 तक उत्कृष्ट के प्राचार्य रहे लेकिन आयशा उत्कृष्ट में अंगद का पांव बन गई थीं। एक बार जमने के बाद आयशा को यहां से कोई नहीं हटा सका। जबकि आयशा कार्यप्रणाली और खासकर अपने व्यवहार को लेकर अक्सर सुर्खियों में रही। यहां वरिष्ठ अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा होता है, क्योंकि जिले में एक से बढ़कर एक काबिल और वरिष्ठ शिक्षक मौजूद है लेकिन उन्हें अवसर नहीं देते हुए उन्होंने भी आयशा को ही संरक्षण दिया।