बाबूजी के नाम स्कूलों में चला जबरन सप्लाय का दौर



झाबुआ।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित हाई स्कूल हाई सेकेंडरी स्कूल में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी शाला प्रबंधन समिति के खातों में टुकड़ों टुकड़ों में मद अनुसार राशि जमा कराई गई कुछ महीनों पहले कोरोना काल को आपदा को अवसर में बदल कर सप्लायरोने स्कूलों में सेनीटाइजर हैंड वॉश मशीन और अन्य सामान स्कूल स्कूल में डलवा दिया था बात मीडिया के सामने आ गई अधिकारियों ने जांच के नाम पर लीपापोती कर दी और ताबड़तोड़ पेमेंट रुकवा दिया गया पर हां अब सप्लायर ने बिल भेजना शुरू कर दिया जो सामग्री के बाजार मूल्य से चार गुना के हैं जिसका भुगतान करना जरूरी है या यह समझे कि यह मजबूरी है
सप्लाई का ऐसा ही एक मामला इसी सप्ताह और सामने आया है विज्ञान प्रायोगिक सामग्री को लेकर प्रति वर्ष अनुसार विभाग द्वारा इस वर्ष भी बायोलॉजी फिजिक्स और केमिस्ट्री के लिए ₹40000 प्रति हायर सेकेंडरी के शाला प्रबंधन समिति के खाते में जमा किए , नियमानुसार शाला प्रबंधन समिति द्वारा भंडार क्रय नियम के अनुसार खरीदी की जाना होती है पर झाबुआ जिले का भगवान ही मालिक है यहाँ राशि जारी होते हैं सामग्री भिजवा दी जाती है हर बार साहब के नाम से जबरन सप्लाई होता है पर इस बार दिलचस्प बात ये है कि विभाग के एक बड़े बाबू ओर विकास खंड शिक्षा अधिकारी के नाम से जिले में बेधड़क विज्ञान की प्रायोगिक सामग्री का सप्लाई किया जा रहा है सूत्रों की माने तो स्कूल प्राचार्य द्वारा सामग्री लेने से मना भी किया जा रहा है क्योंकि हर वर्ष सप्लाई होने वाली सामग्री की क्वालिटी बहुत घटिया किस्म की होती है और बिल अनुसार अनुसार सामान की मात्रा आधे से भी कम होती है इस पूरे खेल में जब हमने सप्लायर का पता करने का प्रयत्न किया तो बरसों से व्यापार कर रहे हैं एक स्टेशनरी व्यवसायी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है देखना यह है इस बार भी जिले और विकास खंड के आला अधिकारी वास्तविक धरातल पर जाकर कोई कार्यवाही करते हैं या इस बार भी वही हाल

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