राजेन्द्र सिंह
भोपाल।
पार्टी फण्ड जुटाने में एक बार फिर भाजपा ने बाजी मार ली है जबकि खुद को मुख्य विपक्षी दल कहने वाली कांग्रेस इस मामले में फिसड्डी साबित हुई है। विगत सप्ताह चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भाजपा को 2019-20 में सबसे ज्यादा 785 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। वहीं कांग्रेस को 139 करोड़ रुपये का फंड ही मिल पाया। इस तरह से भाजपा को कांग्रेस की तुलना में पांच गुना से भी अधिक चंदा मिला है। भाजपा को विगत वित्त वर्ष 2019-20 में व्यक्तिगत और कंपनियों की तरफ से दान और इलेक्टोरल ट्रस्ट से कुल 785 करोड़ रुपये का चंदा मिला। भाजपा की तरफ से निर्वाचन आयोग को ये आंकड़े फरवरी में जमा करवाये गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के चंदे में सबसे अधिक योगदान इलेक्टोरल ट्रस्ट, उद्योगों और पार्टी के अपने नेताओं ने किया है।
भाजपा को सबसे अधिक चंदा देने वाले उसके नेताओं में पीयूष गोयल, पेमा खांडू, किरण खेर और रमन सिंह शामिल हैं। इनके अलावा आइटीसी, कल्याण ज्वैलर्स, रेयर इंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट, लोढा डेवलपर्स और मोतीलाल ओसवाल कुछ प्रमुख उद्योग समूह हैं जिन्होंने भाजपा को सर्वाधिक चंदा दियाहै। न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट, ट्रायंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भी भाजपा के फंड में योगदान दिया।
कांग्रेस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उसे कुल 139 करोड़ का चुनावी चंदा मिला हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस को आठ करोड़ रुपये, सीपीआइ को 1.3 करोड़ रुपये और सीपीएम को 19.7 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इस रिपोर्ट में 20 हजार से अधिक राशि देने वालों की ही जानकारी है। कोविड महामारी के चलते निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए वाíषक आडिट रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तरीख बढ़ाकर 30 जून कर दी है। चुनावी चंदे की पूरी जानकारी इसके बाद ही उपलब्ध हो सकेगी।