पकौड़ा सेंटर से कांग्रेस ने कमाए सवा सौ रूपये, प्रधानमंत्री को भेजेंगे



thedmnews.com उज्जैन। वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता
पार्टी की सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, 4 साल
पूरे हो जाने पर भी केंद्र की सरकार युवाओं को रोजगार देने में नकारा
साबित हुई है उल्टे बेशर्म सरकार युवाओं को पकोड़े बेचने की सलाह दे रही
है तो कांग्रेस नेता विवेक यादव ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं के साथ
गोपाल मंदिर पर शिक्षित युवा बेरोजगार पकोड़ा सेंटर लगाया। इससे दिन भर
में 925 रूपये की बिक्री हुई, 925 में 700 रूपये का इस महंगाई के दौर में
सामान खर्च हो गया। सो रुपए नगर निगम की भेंट चढ़ गए बचे हुए सवा सौ रुपए
घर ले जाने में भी शर्म आ रही थी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
नाम डीडी बनाकर उनके कार्यालय भिजवाने की व्यवस्था करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान विवेक यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पकोड़ा बेचने
को शिक्षित युवाओं के स्वरोजगार से जुड़ने की शर्मनाक व्याख्या की है।
पकोड़ा बेचना या चाय बेचना कभी भी शर्म का विषय नहीं हो सकता किंतु यह
उच्च शिक्षा प्राप्त कर भविष्य के सुंदर सपने सजोने वाले युवाओं के लिए
गर्व का अनुभव भी नहीं हो सकता। आजादी के पहले या रामराज्य में भी
स्वरोजगार तो होता ही था। अशिक्षित युवा के पास उसका हुनर उसकी शारीरिक
क्षमता होती है और वह जीवन यापन के लिए चाय की दुकान, पकोड़े की दुकान,
पतासी के ठेले, साग सब्जी बेचने का काम करता ही है प्रश्न यह उन शिक्षित
युवाओं का है जो एमबीए, इंजीनियरिंग, डॉक्टरी, व्यवसाय प्रबंधन जैसी उच्च
शिक्षा प्राप्त कर अपनी बौद्धिक क्षमता से स्वयं के भविष्य के साथ ही देश
के विकास में भी भागीदार बनने का सपना संजोते है। प्रश्न यहां उन माता
पिता की उम्मीदों का है जो हाड़ तोड़ मेहनत कर अपने बच्चों को इसलिए उच्च
शिक्षित बनाते हैं कि वह पढ़ लिखकर अच्छी नौकरियां प्राप्त करें। आज देश
किस दिशा में ले जाया जा रहा है 70 साल से कांग्रेस ने देश की प्रगति और
उन्नति में जो मिसाल कायम की है उसको गड्ढा बताकर झूठलाया जा रहा है। देश
के विकास को चाय और पकौड़े की बात कर रोका जा रहा है। मध्यप्रदेश में पहले
ही व्यापम घोटाला कई प्रतिभावान युवाओं के भविष्य की हत्या कर चुका है।
अब वह सब जो व्यापम कांड की वजह से नौकरियों से वंचित रह गए उनके लिए
पकोड़ा सेंटर की योजना बनाई गई है।

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