रिजवान को तीन वर्ष का कठोर कारावास



राजेन्द्र सिंह
भोपाल।

*न्यायालय विशेेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) डॉ आरती शुक्ला पाण्डेय, षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश, उज्जैन, 

आरोपी रिजवान पिता शकील, निवासी उज्जैन

धारा 7/8 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 354 भादवि में 01 वर्ष का कठोर कारावास एवं 3,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित।

महिलाओं और विशेष रूप से लैंगिक अपराधों की तादात बढ़ती दिख रही है। न्यायालय भी ऐसे मामलों में विशेष सक्रिय है। इस मामले में न्यायालय ने 4 माह के भीतर आरोपी को सजा देकर न्यायालय की सक्रियता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। पिछले दो तीन दिनों से उज्जैन के विभिन्न न्यायालयों द्वारा लैंगिक अपराध करने वालों को जिस प्रकार से दण्डित किया जा रहा है उससे उम्मीद है कि समाज में ऐसे अपराधों पर रोकथाम होगी। अपराधियों के दिलों में भी न्यायालय के प्रति डर और कानून व्यवस्था के प्रति सम्मान बढेगा।
उप-संचालक अभियोजन डॉ साकेत व्यास ने बताया कि पीड़िता की दादी ने थाने में रिपोर्ट कराई थी कि, दिनांक 28.03.2021 को मेरी पोती दुकान पर सामान लेने गई थी। रास्ते में रिजवान ने मेरी पोती के साथ छेडखानी की थी। फरियादी की रिपोेर्ट पर पुलिस द्वारा अनुसंधान कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सूरज बछेरिया, विशेष लोक अभियोजक उज्जैन के द्वारा की गई। यह जानकारी मुकेश कुमार कुन्हारे अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी द्वारा दी गई।

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