ओलंपिक में भारत को पदक मिलने पर खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों ने मनाया जश्न



गजराज सिंह मीणा
ब्यावरा राजगढ़।

एकलव्य स्पोर्ट्स अकादमी ने ओलंपिक में लंबे समय बाद भारत को स्वर्ण पदक मिलने का जश्न मनाया। हाथों में तिरंगा लिए लोग भारतमाता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते रहे। इस दौरान एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई गईं।
नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में शनिवार को यहां भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था।

41 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ओलंपिक में पदक जीतने से खेल प्रेमीयो मे खुशियों का माहौल रहा हैं।
राम भील ने कहा कि वर्ष 1980 में मास्को ओलंपिक की सफलता के बाद से भारतीय हॉकी टीम एक बड़ी कामयाबी के लिए तरस रही थी। लंबे इंतजार के बाद पुरुष हॉकी टीम के धुरंधरों ने ओलंपिक पदक का सूखा टोक्यो ओलंपिक जापान में खत्म किया। भारतीय हॉकी महिला ने भी बहुत शानदार प्रदर्शन किया। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र के बाद दोबारा भारतीय टीम अपने स्वर्णिम दिनों की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह जीत कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता।

सबसे पहले पदक मीराबाई चानू ने रजत पदक, लवलीना बोरगोएहन कांस्य ने पदक, पीवी सिंधु कांस्य पदक , रवी दहिया रजत पदक, बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक हासिल करके देश को गौरवान्ति किया है।
इस अवसर कृष्ण शाक्यवार, ललित दांगी, श्याम भील, जीतू शाक्यवार, दुर्गेश दांगी , इक्का जाटव, दिपक दांगी, नीलेश गौड़, अरविंद यादव, वंश पाराशर, पिंकी बड़ोनिया, चंचल शिवहरे आदि खिलाडी उपस्थित थे

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