राजेन्द्र सिंह भोपाल।
गुना का जिला अस्पताल इन दिनों आवारा पशुओं के लिए अभयारण्य बना हुआ है। हालांकि अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ आए दिन जनप्रतिनिधि, आमजन और मीडिया द्वारा आवाज उठाई जाती रही है लेकिन अस्पताल के प्रबंधकों के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंच पाती है। कुछ दिन पहले भी जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में आवारा सांड घुसने पर काफ़ी हल्ला मचा था लेकिन हुआ कुछ नहीं। अब यहां का प्रसूति वार्ड आवारा गाय सांड के साथ साथ आवारा कुत्तों की भी ऐशगाह बन चुका है। इन दिनों वायरल बुखार ने विकराल रुप धारण किया हुआ है। कोरोना की आशंका से जन जीवन भय ग्रस्त है वहीं इन आवारा पशुओं से नवजात शिशुओं और माताओं को संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है किंतु अस्पताल से जुड़े जिम्मेदार लोगों को इन सब से कोई लेना देना नहीं है। अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ वीके जैन भी आवारा पशुओं से निपटने के लिए कुछ और व्यवस्था करने की बात तो कर रहे हैं लेकिन देश और प्रदेश के दिग्गज नेताओं के नगर के सबसे बड़े अस्पताल को आवारा जानवरों से कब मुक्ति मिलेगी ये कोई भी बताने को तैयार नहीं है।