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अहंकार के कारण जातिभेद पनपा, अब हिंदुओं को एक होकर जीना होगा: मिलिंद परांडे



गजराज सिंह मीणा ब्यावरा राजगढ़। ज्ञान का उद्गम भारत से हुआ है। कला, अध्यात्म, विज्ञान, गणित यह सब पूरे विश्व को हमारे पूर्वजों ने दिया है। हमारा तत्वज्ञान पूरे विश्व में श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन हमारे ही अपने लोग अहंकार के कारण जातियों में बंट गए। आचरण में अत्यंत निकृष्ट बन गए। जिसके कारण समाज में ऊंच-नीच का भाव पैदा हो गया। मैं कौन हूं यह भाव विस्मृत हो गया। इसके कारण हिंदू समाज ने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया। आक्रमण के कालखंड में हमारे लाखों लाख हिंदुओं को गुलामों के बाजार में बेचा गया। करोड़ों लोग गुलाम बनाकर विदेशों में भेजे गए। लेकिन अब समय आ गया है कि हिंदू समाज अपने आप को पहचाने। वह कौन है यह जाने। अब समय आ गया है हिंदू समाज एक होकर जीना सीखें। जिससे हमारे पीढ़ी ठीक होगी। यह बात स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित प्रबुद्ध जन एवं जाति प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कही। उन्होंने कहा कि आजादी में सब का संघर्ष था। सब जाति का संघर्ष था, हम एक हैं यह भावना प्रज्वलित थी। लेकिन धीरे-धीरे हमारे लोग अपने आप को भूलते चले गए। जिसका नुकसान संपूर्ण हिंदू समाज को उठाना पड़ा। अब समय बदल रहा है। लोग जाति सम्प्रदाय मत पंथ से ऊपर उठकर जीने को तैयार है। बैठक की अध्यक्षता समाजसेवी महेश कुमार अहिरवार ने की। इस अवसर पर विहिप के प्रांत संगठन मंत्री खगेन्द्र भार्गव, प्रान्त कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव, प्रान्त सह मंत्री गोपाल सोनी, जिला मंत्री मांगीलाल गुर्जर उपस्थित थे। बैठक का संचालन विभाग प्रचार प्रमुख मुकेश सेन ने किया। इतिहास को स्मरण कर चुनौतियों का सामना करें-हिंदू समाज के सैकड़ो प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री परांडे ने कहा कि इस्लाम ने तलवार और हिंसा के आधार पर पूरे विश्व में अपना प्रभाव बनाया है। इसी प्रकार ईसाई मिशनरियों और कम्युनिस्टों ने भी हिंसा का सहारा लिया है। आज यह तीनों प्रकार की शक्तियां हमारे देश में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयास कर रही है। हिंदू समाज इन तीनों शक्तियों का सामना कर रहा है। इसलिए पुनः इतिहास को स्मरण करना चाहिए। आने वाली पीढ़ियों को ठीक करने के लिए हम सबको हिंदुत्व का आचरण करते हुए जीना होगा। हिंदू हम सब एक हैं यह स्मरण करना होगा। अध्यात्म, समरसता, हिंदुत्व का स्मरण करके हिंदू समाज को एक होना होगा।समय के साथ समाज में हो रहा परिवर्तन-उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में समय के साथ हिंदू समाज में भी बड़े परिवर्तन को देख रहे हैं। अब देश में अच्छा समय आ रहा है। जाति संप्रदाय से ऊपर उठकर हिंदू समाज एक होकर जी रहा है। ऐसे लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। एकात्मता का भाव प्रबल हो रहा है। हम देख रहे हैं घाना में हजारों लोग हिंदू बन चुके हैं। अफ्रीका में परिवर्तन विश्व में हिंदू समाज की शक्ति को प्रकट कर रहा है। आज विश्व भर में 500 से अधिक बड़ी कंपनियों में हिंदू प्रमुख है। एक बड़ा परिवर्तन हम सब को देखने को मिल रहा है। विश्व के कई देशों में हिंदुत्व को अपनाकर लोग आध्यात्मिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस बैठक में नगर के सैकड़ों प्रबुद्धजन, जाति प्रमुख मौजूद थे। 

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