-शंकरपुर-विक्रमनगर में पानी की टंकी के लिए संघर्ष मोर्चा का गठन
-हर घर को पानी दिलाने का लिया संकल्प
thedmnews.com उज्जैन। सालों से पानी की किल्लत झेल रहे शंकरपुर और विक्रमनगर के
रहवासियों ने सड़क पर उतरकर पानी की टंकी के लिए संघर्ष करने का निर्णय
लिया है। लोगों की मांग है कि दोनों क्षेत्र में निवास कर रहे रहवासियों
के लिए 5-5 लाख गैलन की पानी की टंकी का निर्माण किया जाए। यहां रहने
वाले 30 हजार परिवारों को पानी दिलाने के लिए 200 सदस्यों की संघर्ष
समिति बनाई गई तथा शुक्रवार रात शंकरपुर क्षेत्र में वृहद बैठक का आयोजन
किया गया जिसमें हर कीमत पर वर्षों पुरानी पानी की समस्या से रहवासियों
को निजात दिलाने का संकल्प लिया गया। समिति के संरक्षक नेता प्रतिपक्ष
राजेन्द्र वशिष्ठ तथा क्षेत्रीय पार्षद आत्माराम मालवीय को बनाया गया।
शुक्रवार रात पानी की टंकी बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया जिसमें
शंकरपुर, विक्रमनगर के करीब 200 लोग शामिल हुए।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ और पार्षद आत्माराम मालवीय के संरक्षण में 200 लोगों की इस समिति
ने 30 हजार परिवारों को पीने का पानी मिले इसका संकल्प लिया।
समिति में कैलाश बारोलिया, लेखराज, राजेन्द्रसिंह राठौर, दिनेश गुप्ता, जितेन्द्र
त्रिवेदी, जितेन्द्र सिसौदिया, मांगीलाल कछावा, परसराम जाट, कंवरलाल जाट,
सुधीर शर्मा, पर्वत पटेल, आनंद भाई, गुड्डू आजाद, जितेन्द्र मालवीय,
जगदीश मालवीय सहित अन्य क्षेत्र के रहवासी शामिल हैं। नेता प्रतिपक्ष
राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार शंकरपुर और विक्रमनगर क्षेत्र में 30 हजार की
आबादी पीने के पानी के लिए परेशान है। टैंकरों से यहां पानी सप्लाय किया
जा रहा है उसमें भी कई बार कई परिवारों को पानी नहीं मिल पाता। शंकरपुर
में मोरूखेड़ी, पाटपाला, जयगुरूदेव आश्रम, माधौपुरा, एमपीईबी कॉलोनी,
पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र को सप्लाई के लिए 1969 में बनीं साहिबखेड़ी की एक
लाख गैलन की टंकी से काम चलाया जा रहा है। वहीं विक्रमनगर, विक्रम
गांधीनगर, पार्श्वनाथ सिटी, यूनिवर्सिटी परिसर, कलेक्टोरेट के 10 हजार से
ज्यादा लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां करीब 10 हजार लोगों के
लिए एक लाख गैलन की 40 साल पुरानी पानी की टंकी का उपयोग हो रहा है। यह
टंकी दमदमा में थी वहां नई टंकी बनाई तो लोहे की पुरानी टंकी विक्रमनगर
में लगा दी। यह टंकी चारों तरफ से रिसती है भरने के बाद आधे से ज्यादा
पानी बह जाता है जिसके कारण क्षेत्र में रहवासियों तक पानी नहीं पहुंच
पाता। रहवासियों द्वारा कई बार अपनी समस्याएं बताने पर भी अधिकारियों के
कानों पर जूं नहीं रेंगी तो अब रहवासियों ने सड़क पर उतरकर संघर्ष करने का
निर्णय लिया। thedmnews.com