ई-वे बिल 1 अप्रैल से शुरू होगा,कारोबारियों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के निर्देश



–  ई- वे बिल 1 अप्रैल से लागू हो रहा है.

– अभी तक इस पर करीब 11 लाख इकाइयां पंजीकृत हुई हैं.

न्यू दिल्ली.

ई- वे बिल सेवा शुरू होने में केवल तीन दिन बचे हैं और सरकार ने कारोबारियों एवं ट्रांसपोर्टरों को ई- वे पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए कहा है. अभी तक इस पर करीब 11 लाख इकाइयां पंजीकृत हुई हैं. वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी. ई- वे बिल एक अप्रैल से लागू हो रहा है. इसके तहत, व्यवसायियों को राज्य में या उसके बाहर 50 हजार से अधिक कीमत के सामान की ढुलाई के लिए जीएसटी निरीक्षक के सामने ई- वे बिल पेश करना आवश्यक होगा.

वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा किनई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्थाका संचालन करने वाली जीएसटी नेटवर्कप्रणाली नई व्यवस्था ई- वे बिल को एक अप्रैल से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. अधिया ने कहा, “ लेकिन मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि क्या व्यापारी, डीलर और ट्रांसपोर्टर इसके लिए तैयार हैं. मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि वह खुद को ई- वे बिल पोर्टल पर पंजीकृत कराएं.जितनी जल्दी संभव हो. वे हमसे यह नहीं कह सकते है कि हमने उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया.” जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि ई- वे बिल पोर्टल पर अब तक 11 लाख कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों ने पंजीकरण किया है और अंतिम क्षणों में अधिक से अधिक पंजीकरण होने की संभावना है. जीएसटी के तहत 1.05 करोड़ व्यवसाय पंजीकृत हैं और करीब 70 लाख ने रिटर्न दाखिल किया है. माल एवं सेवा कर के ई- वे बिल प्रावधानों को पहले एक फरवरीसे लागू किया गया लेकिन परमिट जारी करने वाली प्रणाली में खामिया आने के बाद इसके कार्यान्वयन पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद वित्त मंत्रालय ने जीएसटीएन को पूर्ण रूप से विकसित प्रणाली तैयार करने को कहा. 

इस महीने की शुरुआत में जीएसटी परिषद ने अंतर- राज्यीय परिवहन पर ई- वे बिल एक अप्रैल से और राज्य के अंदर परिवहन पर ई- वे बिल 15 अप्रैल से लागू करने का फैसला किया है. जीएसटीएन की स्थापना दिवस पर बोलते हुए अधिया ने कहा कि राज्य के अंदर माल ढुलाईपर लगने वाला ई- वे बिल, अंतर- राज्यीय परिवहन के लिए ई- वे बिल व्यवस्था शुरू होने के 15 दिन बाद शुरू होगी.

अधिया ने कहा, ” हम कार्यक्रम की घोषणा तुरंत नहीं बल्कि कम से कम तीन दिन पहले करेंगे, क्योंकि हम यह देखना चाहते हैं कि माल के अंतर- राज्यीय परिवहन के लिए ई- वे बिल पोर्टल कैसे काम करता है. इसके बाद हम इसे राज्य के भीतर माल के परिवहन के लिए लाने का प्रयास करेंगे.” जीएसटीएन चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने कहा कि ई- वे बिल प्रणाली को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ( एनआईसी) ने डिजाइन और विकसित किया है और उन्हें विश्वास है कि प्रणाली भार का वहन करने में सक्षम होगी.

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