उज्जैन. बाबा महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए रविवार से ग्यारह मटकियों की जलधारा प्रवाहमान की गई. अलग-अलग नदियों के नाम की 11 मटकियां शिवलिंग के ऊपर बांधी गई है.अलग-अलग नदियों के नाम से मंत्र उच्चार कर मटकियों में जल भरा जाएगा. ठंड में गर्म तो गर्मी में ठंडे पानी से बाबा महाकाल स्नान करते है. 1 अप्रैल से शुरू हुआ जलधारा का क्रम लगभग 3 माह तक चलेगा. मौसम के अनुरूप मंदिर में आरतियों के समय व भगवान की दिनचर्या में बदलाव होता है. ठंड में महाकाल गर्म जल वह गर्मी में ठंडे जल से स्नान करते हैं. गर्मी में 11 मटकियां लगाई जाती है.बाबा महाकाल पर वर्ष भर चांदी के कलश से एक जलधारा प्रवाह महान रहती है लेकिन गर्मी में ठंडे मटके से जलधारा बहती है.
