भोपाल.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश ईकाई का भले ही पुनर्गठन कर दिया हो, इसका कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा. राहुल गांधी चाहते हैं कि सभी क्षेत्रीय क्षत्रप एकजुट होकर चुनाव का सामना करें, लेकिन उनकी यह कोशिश कारगर होती नहीं दिख रही. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही.
नवीनतम घटनाक्रम में एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के समर्थक और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भावी मुख्यमंत्री को लेकर भिड़ गए हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दोनों धड़ों के बीच खुद को फंसा महसूस कर रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में ट्विटर पर ‘चीफ मिनिस्टर सिंधिया’ ट्रेंड करता दिखा. सिंधिया के तमाम प्रशंसक ऐसे कार्ड और पोस्ट ट्वीट करते देखे गए जिनमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश के सीएम के लिए सिंधिया ही एकमात्र उपयुक्त व्यक्ति हैं.
असल में इसके एक दिन पहले ही कमलनाथ के समर्थकों ने ‘कमलनाथ नेक्स्ट एमपी सीएम’ हैशटैग को ट्रेंड कराया था. कमलनाथ के समर्थन में ट्वीट किसी ‘मध्य प्रदेश कांग्रेस युवा मित्र मंडल’ द्वारा किया जा रहा था, तो सिंधिया के समर्थन में किसी ‘श्रीमंत सिंधिया फैन क्लब’ द्वारा. कमलनाथ के समर्थन में ट्वीट की शुरुआत 6 जुलाई को हुई थी. ये ट्वीट इस प्रकार थे-
- ‘महाराज और राजा का है साथ, मुख्यमंत्री बनें कमलनाथ.’
- ‘कमलनाथ ही कमल की काट है, मध्य प्रदेश का हर युवा आपके साथ है.’
- ‘गुना (सिंधिया की लोकसभा सीट) से मिलेगा जोश, राघोगढ़ (दिग्विजय का इलाका) से आशीर्वाद, छिंदवाड़ा नेतृत्व करेगा, सीएम बनेंगे कमलनाथ.’
इन ट्वीट के एक दिन बाद ही सिंधिया के समर्थक कमलनाथ गुट का जवाब देने के लिए सक्रिय हो गए. उन्होंने ट्वीट कर राज्य की बीजेपी सरकार के साथ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को भी निशाना बनाया. ऐेसे एक हमले में महाभारत से प्रेरणा लेते हुए कहा गया, ‘दिग्विजय बनें द्रोण, सारथी बनें कमलनाथ, श्रीमंत (सिंधिया) बनें अर्जुन, मध्य प्रदेश है आपके साथ.
एक ऐसे ही ट्वीट में वार तो बीजेपी पर था, लेकिन इससे अप्रत्यक्ष तौर पर कमलनाथ से भी जोड़ा जा रहा है-
बहुत हुई ‘कमल’ की मार, अबकी बार सिंधिया सरकार.
अन्य ट्वीट की कुछ और बानगी देखिए-
- ‘क्यों पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में (सिंधिया के)’
- ‘यही शाश्वत सत्य है, अगला सीएम ज्योतिरादित्य है.’
- ‘देश में चलेगी विकास की आंधी, प्रदेश में सिंधिया, केंद्र में राहुल गांधी’
- ‘जाएंगे मामा (मौजूदा सीएम शिवराज) और बीजेपी का अंत होगा, आएगी कांग्रेस, सीएम होंगे श्रीमंत
Jyotiraditya Scindia is no doubt perfectly suitable for CM candidate. @JM_Scindia @INCMP #ChiefMinisterScindia pic.twitter.com/0e9UB51AeY
— मोहन लाल भया (@BhayaLal) July 7, 2018
गौरतलब है कि साल 2008 और 2013 के चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को अगर कांग्रेस हटा नहीं पाई तो इसकी मुख्य वजह राज्य ईकाई में जारी गुटबाजी ही थी. इस बार भी यदि गुटबाजी खत्म नहीं हुई तो सत्ता में लौटना कांग्रेस के लिए सपना ही रह सकता है.
गत 26 अप्रैल को राहुल गांधी ने राज्य ईकाई में फेरबदल करते हुए कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष बना दिया, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया.
इसके एक महीने बाद 22 मई को दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया. लेकिन इन सब फेरबदल का कोई खास नतीजा निकलता नहीं दिख रहा.
यह हाल तब है, जब राज्य में पिछले 15 साल से सत्ता में रही शिवराज सरकार के खिलाफ जबर्दस्त एंटी इनकम्बेंसी है. यह कांग्रेस के लिए 15 साल के बाद सत्ता में वापस आने का अच्छा मौका है. लेकिन ऐसे ही गुटबाजी जारी रही तो पार्टी के सामने से सत्ता चली जाएगी. साभार आजतक
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