बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को भी फूंक दिया था और दो प्रदर्शनकारियों ने खुदकुशी करने की कोशिश की। मुंबई के कांजुर मार्ग और भांडुप इलाकों में दो बसों पर प्रदर्शनकारियों ने हमले किए हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। ऑटो रिक्शा चालक बंद का पालन कर रहे हैं।
ठाणे में कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती दुकानें बंद करवाईं। हालांकि, बांद्रा में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों से हाथ जोड़कर बंद का पालन करते हुए दुकानें बंद करने की गुजारिश की।
वहीं मोदी सरकार में मंत्री और रिपल्बिकन पार्टी के नेता रामदास अठावले ने कहा कि मैं मराठा आरक्षण की मांग का समर्थन करता हूं। मैं प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करता हूं। हमें संसद में एक कानून बनाने की जरूरत है और आरक्षण को 50 फीसदी से 75 फीसदी तक बढ़ाने की जरूरत है। हम इस मुद्दे को एनडीए के समक्ष उठाएंगे।
इससे पहले मराठा मोर्चा ने ऐलान किया था कि बंद के दौरान सड़कों पर साइकिल भी नहीं चलने देंगे। उनका कहना था कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं होगी, ये बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को मराठा क्रांति मोर्चा ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बंद का ऐलान किया था। इस दौरान हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों और बसों को आग के हवाले कर दिया था। साथ ही कई जगहों पर चक्का जाम भी कर दिया था, जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
मंगलवार को बंद के दौरान कई लोगों ने आत्महत्या की भी कोशिश की। इसके अलावा हिंसा में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी की मौत हृदय गति रूक जाने की वजह से हुई। हालांकि मराठा मोर्चा ने लोगों से आत्महत्या न करने की अपील की है।
क्या है मराठा मोर्चा की मांग
मराठा मोर्चा की मांग है कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू हो, ताकि मराठा समाज उन्नति कर सके। मराठा मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहा है। साथ ही एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करने की मांग की जा रही है। साभार अमर उजाला
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