इंदौर.
गंभीर नदी से मिलने के लिए नर्मदा ने आधे से ज्यादा सफर तय कर लिया है। सोमवार देर रात 427 फीट की ऊंचाई लांघकर नर्मदा ने इंदौर जिले में प्रवेश किया। ग्रामीणों ने पलक पावड़े बिछाकर नर्मदा मैया का स्वागत किया। नदी तट से भेरूघाट तक लाने में अफसरों को 50 दिन का समय लगा।
दुर्गम पहाड़, खतरनाक चढ़ाई और जंगलों में बनाए गए चार पंपिंग स्टेशनों को पार करने के बाद नर्मदा का पानी सोमवार रात इंदौर जिले के दतोदा गांव तक पहुंचा। नर्मदा से लिफ्ट कर दूसरी नदी तक पानी पहुंचाने की प्रदेश सरकार की यह अब तक की सबसे बड़ी योजना है। नर्मदा के तीन चरणों से शहर तक 500 एमएलडी पानी आता है, जबकि नर्मदा-शिप्रा संगम से 400 एमएलडी।
नर्मदा-गंभीर प्रोजेक्ट से 1300 एमएलडी पानी इंदौर और उज्जैन जिले के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाएगा और हजारों हेक्टयर खेत की सिंचाई के लिए दिया जाएगा। अफसरों के अनुसार बड़वाह से अब तक 38 किलोमीटर दूर तक टेस्टिंग पूरी कर ली गई है। कुल 68 किलोमीटर तक बड़ी लाइनों में पानी बड़ी कलमेर गांव तक पहुंचाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की सबसे कठिन टेस्टिंग ऊंचाई वाला हिस्सा ही है, अब आगे तक पानी ग्रेविटी से जा सकेगा। इसके लिए बिजली खर्च नहीं करना होगी।
चढ़ाई चुनरी, लगे जयकारे
सोमवार रात को जब दतोदा गांव स्थित बेक प्रेशर टैंक पर पानी पहुंचा तो ग्रामीणों ने चुनरी चढ़ाई, किसी ने आचमन किया। नर्मदा मैया के जयकारे भी लगे। एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री संजय जोशी ने बताया कि अब जल्दी ही बचे हिस्से में टेस्टिंग पूरी की जाएगी।
संगम स्थल भी लगभग तैयार
नर्मदा का पानी गंभीर नदी में छोड़ने के लिए बड़ी कलमेर में नर्मदा घाटी विकास निगम संगम स्थल भी बना रहा है। यहां तीन घाटों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। डेढ़ महीने के भीतर यहां तक पानी की टेस्टिंग करने का लक्ष्य अफसरों ने तय किया है। साभार नई दुनिया
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