“जब तक सरकार रफाल डील की JPC जांच पर रुख साफ नहीं करती और सदन में कार्यवाही रोककर चर्चा नहीं होती, कांग्रेस सदन नहीं चलने देगी”, यह बात शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एनडीटीवी से कही.
अगर कांग्रेस ने तीन तलाक बिल रोकने की रणनीति बनाई थी तो शुक्रवार को राज्यसभा में वह कामयाब रही. राजनीतिक सहमति न बन पाने के बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि अब बिल शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा. सरकार ने आरोप लगाया कि बिल को कांग्रेस ने रोका है. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने दोहरा रुख अख्तियार किया है, लोकसभा में अलग और राज्यसभा में अलग.
सदन के बाहर कांग्रेस और तृणमूल दोनों ने साफ कर दिया कि वे तीन तलाक बिल पर सरकार के रुख से नाराज़ हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “सरकार जल्दबाज़ी में क्यों है? रात को कैबिनेट ने पास किया और अगले ही दिन राज्यसभा में लेकर आ गई?” जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदू शेखर राय ने कहा, “हम मांग करते हैं कि तीन तलाक बिल राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए.
कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।