राजेंद्र सिंह
उज्जैन. गुरु सांदीपनि की नगरी उज्जैन जहाँ योग योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी जन्माष्टमी का त्यौहार चार दिनों तक धूमधाम से मनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि श्रीबाँके बिहारी गुरुकुल में मात्र 64 दिन रहकर ही 64 कलाओं में निपुण हो गए थे। श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता सम्पूर्ण विश्व मे अनुपम उदाहरण है उनका परिचय भी गुरुकुल में ही हुआ था।
बाबा नंद के दुलारे और मैया यशोदा के प्यारे मनमोहन, मधुसूदन, माखनचोर का जन्मोत्सव मनाने के लिए यहां दूर दराज से भक्तजन एकत्रित होते हैं। पूरा शहर ही अपने किशन कन्हैया के स्वागत की तैयारी में जुटा हुआ है।
गोपाल मंदिर में 2 सितम्बर से दो दिवसीय आनंदोत्सव शुरू होगा। जो कि 3 और 4 सितम्बर तक जारी रहेगा। मन्दिर में जन्माष्टमी के अवसर पर दिनभर भजन कीर्तन चलेंगे।प्रसाद बंटेगा। श्रद्धालुओं का नृत्य दैविक दृश्य प्रस्तुत करेगा। इस अवसर पर मन्दिर का श्रगार करने के लिए बाहर से फूल मंगवाए गए हैं। प्रभु के विग्रह के लिए विशेष पोशाक बनवाई गई है।
मंगलनाथ रोड स्थित ऋषि सांदीपनि आश्रम पर मन्दिर की सजावट में श्रीफल, पचरंगी नाडा , लता, पुष्प और चुनरी आदि का प्रयोग किया जाएगा। दो सितम्बर की रात साढ़े ग्यारह बजे से पंचामृत अभिषेक के साथ जन्मोत्सव प्राम्भ होगा जो तीन सितम्बर तक चलेगा। बाल गोविंद भक्तों को झूला दर्शन देंगे।
इस्कॉन मंदिर में शनिवार शाम से ही जन्मोत्सव प्रारम्भ हो जाएगा। विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन किये जायेंगे। चार सितंबर को नंद उत्सव मनाया जाएगा।
पूजन सामग्री की दुकानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भगवान श्रीकृष्ण के आभूषण, पोशाख, नैवेद्य आदि की जमकर खरीदी हो रही है। इन तीन दिनों में फलों की भी जमकर बिक्री होती है।
कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।