भोपाल.
भाजपा सरकारों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नही ले रही। आरक्षण का मुद्दा सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है। पूरे देश में सवर्ण समाज आरक्षण और नए Sc/St बिल के खिलाफ आंदोलन की राह पर है। वहीं गुजरात मे हार्दिक पटेल पाटीदार समाज के लिए अनशन कर रहा है तो राजस्थान में गुर्जर समाज ताल ठोक रहा है। मप्र में मीणा, पारधी और कीर जातियां अपना ST का खोया दर्जा वापस पाने के लिए शिवराज सिंह की सरकार के खिलाफ लामबंद हो रही है और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरने-प्रदर्शन की योजना बना रही है।
मप्र में विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में मीणा समाज को राजस्थान के समान जनजाति का दर्जा देने की बात कही थी। इसी वर्ष अपनी मांग को लेकर 18 फरवरी को भोपाल में आयोजित विशाल सम्मेलन में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार को सिफारिशी चिठ्ठी भेजने की घोषणा समाज के मंच से ही की थी। लेकिन सितम्बर तक कोई चिट्ठी नही भेजी गई। इसी बात को लेकर मीणा समुदाय बगावत पर उतर आया है।
मप्र मीणा समाज सेवा संगठन विरोध स्वरूप पूरे प्रदेश में विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेगा और घर-घर जाकर सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में आंदोलन की भूमिका तैयार करेगा।
विरोध की शुरुआत २ सितम्बर को भोपाल की हुजूर विधानसभा से होगी। संगठन द्वारा २ सितम्बर को विरोध का एजेंडा तैयार कर लिया जाएगा। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष लालाराम मीणा ने 2 सितम्बर को आगामी आंदोलन की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित निर्माणाधीन मीणा समाज छात्रावास में प्रदेश पदाधिकारियों का सम्मलेन आहूत किया है।
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