संगीनों के साये में गणेश जी की महाआरती



राजेन्द्र सिंह
उज्जैन.
खजुरवाली मस्जिद पर पिछले कई वर्षों से गणेश पांडाल सजाया जाता है। यहाँ साम्प्रदायिक सोहार्द्र की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। यही प्रतिवर्ष विशाल मुशायरा भी आयोजित किया जाता है। सभी उत्सवों में बिना किसी भेदभाव के लोग बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं।

लेकिन इस बार मुहर्रम और गणेश चतुर्थी एक साथ पड़ने से मामला गरमा गया। पहले मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन से मांग की कि इस बार गणेश पांडाल को अनुमति न दी जाय। बदले में दूसरे पक्ष से भी प्रशासन पर गणेश पूजा की अनुमति के लिए दबाब बनाया गया। समझदार अधिकारियों ने दोनों ही पक्षों को इंच टेप से नापकर जमीन आवंटित कर दी। आधे हिस्से में गणेश पांडाल सजाया गया।आधे में मुहर्रम के लिए सबील लगा दी गई। लेकिन इस सारे वाकयात में सामाजिक सदभाव बिगड़ते बिगड़ते बचा। गणेशोत्सव समिति के सचिव के घर पर पथराव हो गया। पुलिस पर भी पथराव हुआ। आसपास खड़ी और गुजर रही गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई लेकिन प्रशासन की सूझबूझ से शहर की शांति कायम रही।

प्रशासन पर दबाब बनाने के लिए शुक्रवार को दोपहर की नमाज सड़क पर पढ़ी गई तो शाम को गणेश जी की आरती में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

अब रोज रात को साढ़े आठ बजते ही सैकड़ों की तादाद में गणपति बप्पा के भक्तों का हुजूम आरती के समय जुटता है और आरती सम्पन्न होते ही सब जयकारे करते हुए अपनी राह निकल जाते हैं। फ़िलहाल तो सभी पक्ष निश्चिंत हैं लेकिन प्रशासनिक हल्के में सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। आरती और नमाज के समय पूरा क्षेत्र किसी छावनी सा जान पड़ता है।

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