– फसल बीमा योजना से कोई भी कृषक वंचित न रहे
– कलेक्टर ने जिले के बैंक प्रबंधकों की बैठक ली
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उज्जैन। कलेक्टर मनीष सिंह ने 5 जनवरी को मेला कार्यालय में उज्जैन जिले के बैंक प्रबंधकों की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत सभी अऋणी कृषकों का फसल बीमा 15 जनवरी तक अनिवार्य रूप से करवा लिया जाए। बैठक में बैंक अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि कई मामलों में पटवारी मिलते नहीं हैं और सहयोग नहीं करते हैं। कलेक्टर ने इस पर सभी बैंक मैनेजर्स को अपना मोबाइल नंबर नोट कराते हुए कहा कि यदि कोई पटवारी सहयोग नहीं करता है तो उसका नाम व हलका नंबर लिखकर एसएमएस कर दें, पटवारी दौड़ता हुआ आएगा। कलेक्टर ने यह भी कहा कि पटवारियों पर नकेल कसी जा रही है।
कलेक्टर ने कहा कि कोई भी कृषक बीमा लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि बीमित किसान यदि चाहता है कि उसकी फसल में परिवर्तन किया जाए तो उसके लिये भी बैंक प्रबंधकों को सहयोग कर गेहूं से चना अथवा अन्य उद्यानिकी फसलों को दर्ज कर उनका बीमा करना चाहिए। इसके लिए किसान को केवल स्वघोषणा-पत्र भरकर देना होगा कि उसकी फसल बदल गई है। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप जीआर, अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक गुप्ता व उप संचालक कृषि सीएल केवड़ा मौजूद थे।
फसल बीमा योजना के दलालों की सूचना दें, कार्यवाही होगी
बैठक में कई शाखा प्रबंधकों ने कलेक्टर को अवगत कराया कि फसल बीमा योजना में कई तरह के दबाव बनाये जाते हैं। कई स्थानों पर बिचौलिये लोग किसानों को भ्रमित करते हैं एवं बैंकर्स की बदनामी करते हैं। कलेक्टर ने सभी शाखा प्रबंधकों से आव्हान किया है कि ऐसे दलालों की सूचना उन्हें गोपनीय रूप से वॉट्सअप पर दे दी जाये, कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
किसानों का दर्द समझें, लाल फीताशाही से दूर हों
कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा कि वे किसानों के दर्द को समझें। हाल ही के प्राकृतिक प्रकोप (पाला) में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मानवता के दृष्टिगत गरीबों की किस तरह मदद की जा सकती है, इस पर विचार करना चाहिये। मदद के लिये यदि उच्च अधिकारियों से अनुमति भी लेना पड़े, तो अनुमति लेकर किसानों के काम किये जायें। उन्होंने कहा है कि अऋणी किसानों का बीमा करवाने में बैंकर्स को आगे आना पड़ेगा।
डिफाल्टर किसानों का भी अऋणी किसान की तरह बीमा किया जाए
कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों से कहा है कि जो किसान ऋण जमा करने में अथवा ऋण की अलटा-पलटी करने में डिफाल्टर हो गये हैं, उनका भी फसल बीमा बीमे की प्रीमियम राशि जमा कर किया जाना अनिवार्य है। ऐसे किसानों को बीमा करने से मना नहीं किया जायेगा। कलेक्टर ने किसानों से आग्रह किया है कि डिफाल्टर एवं अऋणी किसान नजदीकी बैंक शाखा में जाकर भू-अधिकार पुस्तिका, प्रस्ताव फार्म, पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी फसल का बोवनी प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड लेकर प्रीमियम राशि जमा करवाकर बीमा करवा सकते हैं। कलेक्टर ने बैंकर्स से सकारात्मक सोच के साथ काम करने का आव्हान किया। बैठक में बैंक अधिकारियों द्वारा अपनी समस्याओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कई किसानों द्वारा आधार नम्बर नहीं देने एवं कई वृद्ध किसानों की मृत्यु के बाद दावों के अटकने के सम्बन्ध में जानकारी दी। कलेक्टर ने बैंक प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि वे आधार से सम्बन्धित जो भी शिकायतें हैं, उनकी सूची विवरण सहित उप संचालक कृषि को प्रस्तुत कर दें, समस्या का निराकरण किया जायेगा। बैठक में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कंपनी के अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने की शिकायत भी हुई। कलेक्टर ने आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों को स्टेज पर बुलाकर अपना फोन नम्बर देने एवं भविष्य में फोन उठाने का आश्वासन देने के निर्देश दिये। तदनुसार अधिकारियों ने अपना फोन नम्बर शेयर किया तथा आगे से बैंक अधिकारियों के फोन तुरन्त उठाने की बात कही।
विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन
बैठक में कलेकटर ने बैंक अधिकारियों को जानकारी दी कि फसल बीमा करवाये जाने हेतु जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जा रही हैं। ग्राम सभा आयोजन की सूचना उन्हें शीघ्र दी जायेगी। कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ग्राम सभाओं में मौजूद रहकर किसानों से चर्चा करें एवं आधार नम्बर एवं अन्य समस्याओं का निराकरण मौके पर करें।
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