चुनावी विश्लेषण
राजेश जैन 9425942501
जोबट।
दमोह उपचुनाव हारने के बाद जोबट विधानसभा चुनाव में भाजपा फूंक, फूंक कर कदम रख रही हैं। इस विधानसभा में किसे उम्मीदवारी का टिकट दिया जाए इस बात के लिए सर्वे करवाने के साथ-साथ प्रत्याशी की छवि व क्षेत्र में पकड़ पर विशेष ध्यान दे रही है। भाजपा की ओर से दावेदार प्रतयाशी की जमीनी स्थिति पर एक नजर।
माधव सिंह डावर – पूर्व विधायक माधव सिंह डावर बीते 15 सालों से जोबट विधानसभा में भाजपा का नेतृत्व कर रहे हैं। साल 2003 व 2013 में विजय श्री दिलाने के बाद पिछले चुनाव 2018 में कांग्रेसी कि कलावती भूरिया के सामने मामूली अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद भी अपने आप को विधानसभा में सक्रिय रखा। विधानसभा में शांत एवं सौम्य छवि के रूप में अपने आप को स्थापित किया। टिकट की दावेदार के रुप मे मजबूती से खड़े है।
कमजोर पक्ष
माधव सिंह डावर का कमजोर पक्ष यह है कि उन्होंने अपने नए कार्यकर्ता क्षेत्र में नहीं बनाएं। कई वनवासी भाजपा के स्थापित जमीनी नेता आज राजनीति से दरकिनार कर दिए गए। कुछ सीमित व्यपारी व अनाजमाफिया लोगों से करीबी के चलते अपनी विधानसभा की राजनीति उन लोगों के हाथ में सौंप दी है। जिनकी क्षेत्र में पकड़ के नाम पर कुछ भी नहीं है।
दीपक चौहान – सर के नाम से विधानसभा में विख्यात दीपक चौहान जिन्हें क्षेत्र में सर के नाम से जाना जाता है। नगर पंचायत अध्यक्ष बनते ही जोबट विधानसभा में उपेक्षित भाजपा को अपनी और मिलाया। उपेक्षित कांग्रेसियों को अपनी और मिलाकर पूरे क्षेत्र में अपनी टीम खड़ी करने में सफलता हासिल की है। वहीं स्थानीय सांसद का आशीर्वाद मिला हुआ है। पिछले 10 सालों से नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए नगर में कई विकास की सौगात दी है। शांत स्वभाव एवं मिलनसार प्रवृत्ति होने के कारण क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ है।
कमजोर पक्ष
जब से नगर की कुर्सी संभाली है तब से एक वर्ग विशेष व तुष्टीकरण का आरोप नगर परिषद में लगते आया है। कांग्रेस से आने के कारण स्थापित भाजपा नेता उनके खिलाफ हर मोर्चे में खड़े रहते हैं। बीते कुछ समय से जोबट विधानसभा के स्थापित नेताओं ने उनसे दूरी बना रखी है। वहीं अालीराजपुर के पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान से मनमुटाव उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
मुकाम सिंह डावर – संघ एवं हिंदुत्व एजेंडे में काम करते हुए 2007 में मुकाम सिंह डावर निर्दलीय खड़े होकर क्षेत्र में उस समय के दौर में वनवासी क्षेत्र में रिकार्ड मत अपने नाम करके क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई थी, जो आज भी मतदाताओं के दिमाग में बसा हुआ चेहरा है। जोबट विधानसभा में मुकाम सिंह डावर के कार्यकर्ताअों की टीम है। शांत व सौम्य प्रवृत्ति के व्यक्तित्व के धनी मुकाम सिंह डावर कलावती की मौत के बात ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय होते जा रहे हैं एवं उस बिरादरी से आते हैं जिनका वोट बैंक जोबट क्षेत्र में अच्छा है, जिसने कलावती भूरिया को एक तरफा वोट देकर विजय श्री का ताज पहनाया था।
कमजोर पक्ष
जिन भाजपाई व कांग्रेसियों ने मुकाम सिंह डावर को निर्दलीय चुनाव में सहयोग किया था। मुकाम सिंह के हारन के बाद उनकी राजनीति खत्म हुई। उनकी तरफ चुनाव हारने के बाद मुकाम सिंह ने ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण जनाधार वाले कार्यक्रर्ताअों में उनके प्रति रोष है व इस जिले में भाजपा के पितृ पुरुष कहे जाने वाले ओच्छब लाल सोमानी जो पिछले चुनाव में उनके सारथी बने हुए थे उनकी दूरियों के कारण एक बड़ा वोट बैंक उनके पाले से अभी दूर है।
मांगीलाल चौहान – उदयगढ़ क्षेत्र के प्रभावी नेताओं के रूप में चौहान की पहचान होती है। संघ पृष्ठभूमि से एवं वर्षों से भाजपा में कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व राज्य मंत्री एवं वर्तमान कांग्रेस के दावेदार सुलोचना रावत उसी क्षेत्र से आते हैं, वहां पर अपनी बुद्धिमत्ता से कर्मठता से भाजपा को जिंदा रखा और एकमात्र नेता जिसने विपक्ष के दौर में भी अपनी राजनीतिक जमीन खोने नहीं दी। वह भी उम्मीदवार के रूप में हो सकते हैं।
कमजोर पक्ष
मांगीलाल चौहान का आर्थिक मैनेजमेंट, स्थानीय प्रभुत्व वाले भाजपा नेताओं की उन के प्रति नाराजगी। पूर्व विधायक माधव सिंह से दूरी दावेदारी को कमजोर करती हैं।
नागर सिंह चौहान जिले में हिंदुत्व का बड़ा चेहरा – अालीराजपुर के पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान की दावेदार के रूप में चर्चा जोबट विधानसभा में जोरों से चली थी पर खुद ने ही अपने व अपने परिवार को दावेदारी से बाहर करते हुए इस चर्चा पर विराम लगा दिया। पर यह भी जोबट विधानसभा की सच्चाई है कि नागर सिंह चौहान का जनाधार इस विधानसभा में बहुत ज्यादा है। हिंदुत्व के रूप में जिले के प्रमुख चेहरा चौहान परिवार ही माना जाता है।इसके चलते कई बूथ केंद्रों में बिना नागर सिंह चौहान के जितना असंभव सा है, चौहान का जिस प्रत्याशी की तरफ झुकाव रहेगा उसके टिकट की दावेदारी और भी मजबूत रहेगी और भाजपा विजय श्री प्राप्त कर सकती है।