केवल जंक फूड ही नहीं बल्कि अस्वस्थ्य आदतें जैसे कि आलसी दिनचर्या या एक ही जगह पर ज्यादा समय तक बैठना, शारिरीक व्यायाम कम करना किशोरों में भविष्य में मोटापे का कारण बन सकती है।
शोधकर्ताओं नें एक अध्ययन में इसका खुलासा किया। साथ ही शोधकर्ता जोर देते हैं कि खाने की आदतों पर ध्यान देने के अलावा अन्य चीजों भी पर ध्यान देना जरूरी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि किशोरों में कैलोरी के सेवन में बदलाव नहीं आया है बल्कि अस्वस्थ्य गतिविधियों जैसे धुम्रपान, ड्रग्स और अल्कोहल का अधिक इस्तेमाल समय के साथ बढ़ता जा रहा है।
ऐसे में इन गतिविधियों पर काबू पाने की जरूरत है, इससे पहले कि ये आदत बन जाएं। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉटरलू के रैचल लैक्सर कहते हैं कि किशोरावस्था में ही वजन बढ़ने के बाद व्यस्कावस्था में कार्डियोवस्कुलर बीमारियों, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के खतरा बढ़ जाता है।
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 13 से 17 साल के स्कूली छात्रों को शोध में शामिल किया। इऩ छात्रों को शारिरिक गतिविधियों के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटा गया। शोध में पाया गया कि छात्रों के बनाएं गए वर्गों में बराबर ही वजन बढ़ा। वहीं स्वास्थ्य के लिए सचेत रहने वाले छात्रों के ग्रुप के छात्रो का वजन शोध के शुरुआत में वजन स्वस्थ्य बॉडी वेट के करीब था। किशोरावस्था के दौरान ही अस्वस्थ्य आदतों पर जल्दी काबू पाने से व्यस्कावस्था में इसका ज्यादा फायदा मिलता है। सैकेंडरी स्कूल में जाने से पहले ही जिन किशोरों को मोटापे का खतरा हो उनके लिए स्वास्थ्य को बेहतर बनाने जाने वाली रणनितियों का पालन कर मोटापे से बचाया जा सकता है। साथ ही इस व्यवस्था से भविष्य में पूरे समाज को फायदा हो सकता है।
कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।