ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं को ह्रदय की बीमारियों का खतरा कम-रिपोर्ट



thedmnews.in अक्सर माना जाता है ब्रेस्टफीडींग बच्चों के लिए फायदेमंद होती है। वहीं एक नए शोध के अनुसार महिलाएं, जो ब्रेस्टफीडींग कराती है, उनमें ह्रदय की बीमारियों का खतरा 15 साल तक कम रहता है। साथ ही इस शोध में यह भी खुलासा हुआ कि ब्रेस्टफीडिंग के कारण महिलाओं में गुड कॉलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है और सर्कुलेटिंग फैट भी कम होता है। ब्रेस्टफीडिंग से कैरोटिड आर्टरी की मोटाई भी कम होती है। यह गले और सिर तक ऑक्सीजन से युक्त खून को पहुंचाती है। साथ ही इसके बड़े व्यास को हार्ट स्ट्रोक से जोड़ कर देखा जाता है।

गर्भवती महिलाओं की सेहत से नवजात के दिमाग पर होता है असर

इस अध्ययन के प्रमुख यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सवर्ग के डॉ मलामो कॉन्टोरियस कहते है कि ब्रेस्टफीडिंग न केवल नवजात शिशुओं के लिए बल्कि मां के लिए भी बहुत फायदेमंद है। वे कहते है कि ब्रेस्टफीडिंग से महिलाओं में ह्रदय संबधी रोगों में कमी के साथ-साथ पाया गया कि उनका कॉलेस्ट्रॉस लेवल भी बेहतर होता है। इस अध्ययन के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग के कारण ऑक्सीटॉसीन हार्मोन उत्सर्जित होता है, जिसके कारण इन महिलाओं का ब्लड प्रेशर भी कम रहता है। अमेरिका में पैदा होने वाले लगभग 80 प्रतिशत बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराई जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर तीन प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है।  thedmnews.in

कैसे किया गया अध्ययन

शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए 678 प्रेग्नेंट महिलाओं का अध्ययन किया। इन महिलाओं का प्रेग्नेंसी के दौरान 1998 से 2004 तक मिशीगन के 52 क्लिनिकों में इलाज किया गया था। इसके बाद इन महिलाओं के स्वास्थ्य का अगले सात से पंद्रह सालों तक अध्ययन किया गया। इस शोध में महिलाओं से यह भी पूछा गया कि उन्होंने कितने समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराई। इस दौरान इन महिलाओं के ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल लेवल और सर्कुलेटिंग फैट लेवल को भी समय-समय पर मापा गया। साथ ही कैरोटिड आर्टरीज के व्यास और मोटाई पर नजर रखी गई। thedmnews.in

सभी प्रतिभागियों में से 157 ने कभी भी ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराई, 284 ने छह महीने से कम और  और 133 ने कम से कम छह महीने तक ने ब्रेस्टफीडींग कराई। साथ ही इन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर लेवल के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटा गया। इस अध्ययन को अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के 67 एनुअल सांइटिफिक सेशन के दौरान पेश किया गया। thedmnews.in

ब्रेस्टफीडिंग से सी-सेक्शन के बाद दर्द में भी कमी

एक अन्य अध्ययन, जो पिछले साल जून में प्रकाशित किया गया था, जिसके अनुसार ब्रेस्टफीडिंग के सी-सेक्शन के कारण होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है। महिलाएं जो सी-सेक्शन के बाद कम से कम दो महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराती  हैं, उनको सी-सेक्शन के बाद के दर्द को तीन प्रतिशत तक कम दर्द झेलना पड़ता है। 23 प्रतिशत महिलाएं, जिन्होंने दो महीने से कम समय तक ब्रेस्टफीडींग कराई, उन्होंने सी-सेक्शन की जगह दर्द की शिकायत की। वहीं दूसरी ओर महिलाएं जिन्होंने दो महीने से ज्यादा ब्रेस्टफीडींग की उनमें से केवल आठ प्रतिशत ने ही इसकी शिकायत की।

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