जानिए फार्मा मीट-2018 में केंद्रीय मंत्री ने देश की तरक्की के लिए क्या आह्वान किया



– ऑल इंडिया फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन मध्यप्रदेश की फार्मा मीट-2018 सम्पन्न

इन्दौर 8 अप्रैल

केन्द्रीय समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोद ने कहा है कि भारत का चिकित्सा एवं औषधियों के क्षेत्र में गौरवशाली इतिहास रहा है। इसी को देखते हुए वर्तमान में भारत को दवाईयों के निर्माण में भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। इसके लिये उन्होंने फार्मास्यूटिकल क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से आह्वान किया कि वे आगे आकर फॉर्मा क्षेत्र को विकसित करे और देश की तरक्की में मदद करें।

श्री गेहलोद रविवार को ऑल इंडिया फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन म.प्र. के तत्वावधान में विजय नगर स्थित आनंद मोहन माथुर सभागृह में आयोजित फार्मा मीट-2018 को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री श्री रुस्तम सिंह मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में प्रदेश के तकनिकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री दीपक जोशी एवं पूर्व मंत्री श्री बाबूलालजी जैन मौजूद थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्री गेहलोद ने कहा कि भारत सरकार ने उद्यमिता को बढावा देने के लिये कारगर योजना बनाकर उसका प्रभावी क्रियान्वयन कर रही है। उन्होंने सभी का आव्हान किया कि वे आगे आकर इन योजनाओं का लाभ ले।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। हमारे प्रदेश के उद्योग क्षेत्र की उदारवादी एवं मित्रवत नीतियों को देखते हुए प्रदेश में तेजी से औद्योगिक निवेश बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दवा निर्माण के क्षेत्र में भी उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों का सरलीकरण किया गया है। उन्होंने कहा की प्रदेश में फार्मा के क्षेत्र में भी औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्यमी आगे आयें  और फार्मा के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश करें। श्री रुस्तम सिंह ने कहा कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों के फार्मासिस्टों की वेतन विसंगतियां भी दूर की जा रही है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा की फार्मा को स्किल डेवलपमेंट से जोड़ा गया है। हमारा प्रयास है कि फार्मा के क्षेत्र में भी कुशल लोग आगे आएं और अच्छी गुणवत्ता की दवाइयों का निर्माण करें। अगर हमारे यहां अच्छी गुणवत्ता की दवाइयों का निर्माण होगा तो प्रदेश से बड़ी संख्या में दवाइयों का निर्यात किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि फार्मेसी कौंसिल की मदद से फार्मेसी पाठ्यक्रम में आवश्यकता के अनुरूप बदलाव किए जाएं। फार्मेसी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं इसको देखते हुए फार्मेसी क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फार्मेसी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को सुपर पावर प्रदेश बनाया जाएगा।  उक्त कार्यक्रम में संयुक्त औषधि नियंत्रक भारत सरकार श्री डॉ. व्ही.जी. सोमानी, डॉ. सी.एस. वर्मा तथा श्री बिपल्ब चटर्जी ने तकनीकी विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। विशेषज्ञ श्री अमरसिंह चौधरी का मोटिवेशन पर व्याख्यान भी हुआ। उक्त कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न फार्मेसी कॉलेजों के बड़ी संख्या में विद्यार्थी व फार्मेसी से संबंधित उद्योगों, अस्पताल आदि संबंधित कई फार्मेसिस्ट व पदाधिकारियों ने भाग लिया। फार्मा मीट-2018 की अध्यक्ष डॉ. रश्मि दाहिमा ने स्वागत भाषण दिया। छात्रगण द्वारा फार्मेसी के विभिन्न विषयों पर माडल, पोस्टर आदि की प्रदर्शनी आयोजित की गई। संस्था प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय जैन ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम को पूर्व मंत्री श्री बाबूलाल जैन तथा महासचिव श्री अनिल खारिया ने भी सम्बोधित किया।

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