ट्रकों की हड़ताल खत्म ।



नई दिल्‍ली.

केंद्र सरकार से वार्ता के बाद चल रही आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एसोसिएशन नई दिल्ली की देशव्यापी हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गई। विभिन्न मागों को लेकर चल रही यह हड़ताल 20 जुलाई से शुरू हुई थी। इसके चालू होने से अब ट्रांसर्पोटेशन का काम शुरू हो जाएगा।

आठ दिनों से चलने वाली इस हड़ताल के समाप्त होने पर व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। हड़ताल से सब्जी के दामों में मामूली बढ़ोत्तरी भी हुई थी। माना जा रहा है कि अब इसमें कमी आ जाएगी। बीते 20 जुलाई को हड़ताल शुरू होने के बाद ट्रकों के पहिए थम गए। सामानों का आवागमन रुक गया। फैक्ट्रियों में होने वाला उत्पादन डंप हो गया। बाजार में जरूरत के सामानों की कमी दिखने लगी लेकिन आठ दिनों बाद उनकी मांगों के संबंध में वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त हो गई।

 ये हुआ निर्णय…

निवेदन है कि कल रात माननीय परिवहन मंत्री गडकरी जी के निवास स्थान पर देर रात तक चली meeting व उसके उपरांत आज सुबह 12 बजे से 7 बजे तक चली वित्त मंत्री पीयूष गोयल व परिवहन मंत्रालय मेंचली बैठक से
निम्न सहमति बनी है….

1) 6 महीने की अधिकतम समय सीमा में टोल पर manual फ्री होगा मतलब toll barrier पूर्णतया अधिकारी या अफसर मुक्त रहेगा, टोल भरने के लिए गाड़ी नही रुकेगी, Toll RFID द्वारा या टोल वाहन के परमिट अनुसार एक मुश्त सालाना जैसा समिति तय करेगी भरने की सुविधा ट्रांसपोर्टर को दी जाएगी।

2) इन्शुरन्स की जो दरे इस साल 28% बढ़ा दी गयी थी उसको कल hyderabad में IRDA के साथ हमारी बैठक में 15% तक लाया जाएगा।

3)weight के हिसाब से जो इनकम टैक्स की दर 300 रुपए प्रति ट्न से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी थी, उसे सरकार बजट या उससे पूर्व 600 पर लाएगी।

4)डीजल पर कोई मांग मंज़ूर नहीं हुई

5) इसके इलावा double driver, fitness दो वर्ष बाद , E way बिल पर गलती/ (Error)पर पेनल्टी minimum, चोरी पर नही. का समाधान कमेटी द्वारा सुनिश्चित हुआ है।

6)टूरिस्ट बसों व मिनी बसों को tourist permit मंज़ूर कर दिया gaya, rajya sabha से पास करवा कर issue होगा।

7)तथा हमारे ड्राइवर्स की सरकार के subsidized rate पर insurance, व ड्राइवर तथा उसके परिवार का Mediclaim भी सरकार की रियायती दरों पर ESI hospitals की facility के साथ उपलभ्ध कराई जाएगी। हम यह draft एग्रीमेंट लेकर chelmsford club अपने लोगों के बीच राय लेने बैठे हैं,जैसे majority कहेगी वही निर्णय लिया जाएगा।

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