जयपुर.
शहर में 210 लो-फ्लोर बसें बंद होने से करीब डेढ़ लाख यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में जेसीटीएसएल के बस स्टेंड पर यात्रियों की भीड़ बसों का इंतजार कर रही है। जेसीटीएसएल ने नई 210 लो-फ्लोर बसों का संचालन प्राइवेट ऑपरेटर मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट काे सौंप रखा है। सांगानेर डिपो की बसें शहर में संचालित हैं। हड़ताल करने वालों में 350 ड्राइवर और 150 बस सारथी (कंडक्टर) है।
मातेश्वरी कंपनी के हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी अपने चालकों पर मनमर्जी व श्रम विरोधी नीतियां अपना कर शोषण कर रही है। कंपनी की नितियों के खिलाफ एक साल से विरोध किया जा रहा है, लेकिन कंपनी ने सुनवाई नहीं की। इसके चलते हड़ताल की नौबत आ गई। 25 जुलाई से हड़ताल जारी है। पहले दो दिन की हड़ताल की गई थी फिर शुक्रवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी।
वहीं जेसीटीएसएल के एमडी सुरेश ओला ने हड़ताली कर्मचारियों के दावों को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि जेसीटीएसएल के बेड़े में 350 बसों में से 70 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।
ये है मांगे –
1. सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 17700 रुपए दिया जाए।
2. वेतन से कंपनी पीएफ काट रही है, लेकिन उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में पीएफ जमा नहीं हो रहा है।
3. ईएसआई के नाम पर कंपनी पैसे काट रही है लेकिन ईएसआई की सुविधा नहीं मिल रही।
4. सैलरी स्लिप नहीं दी जा रही है, जिसे चालू करें।
5. बिना शिकायत के द्वेष भावना से ड्यूटियां नहीं हटाई जाए।
6. बस सारथियों को बिना टारगेट से मुक्त कर रेग्युलर परिचालकों की तरह ड्यूटी करवाई जाए।
7. वाहन की डिफेक्ट शिल्प चालक को भी दी जाए।
8. वर्दी, समय पर वेतन और आई कार्ड जारी किया जाए।
9. मांगे माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी।
नेताओं को बुलाया, आए नहीं
जेसीटीएसएल के एमडी सुरेश ओला का कहना है क जेसीटीएसएल की सांगानेर डिपो की सभी बसों का संचालन हो रहा है जबकि विद्याधर नगर डिपो व टोडी डिपो की 60 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू हो चुका। हड़ताली कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं को गुरूवार को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन नहीं पहुंचे।
नेता बोले, अब तक कोई वार्ता नहीं की
जेसीटीएसएल कांट्रेक्ट एम्पलॉयज यूनियन (सीटू) जयपुर के अध्यक्ष अर्जुन लाल मीणा का कहना है कि प्राइवेट ऑपरेटर मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट की ओर से कर्मचारियों की मांगों को लेकर अब तक कोई वार्ता नहीं की। ऑपरेटर द्वारा गलत आरोप लगाकर बस सारथियों को हटा दिया जाता है। इसी के चलते हड़ताल की जा रही है। साभार दैनिक भास्कर
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