उच्च शिक्षा के घोटालों के खिलाफ क्रांति की मशाल पहुँची भोपाल



– उठो, जागो और भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंको

– शिक्षकों, छात्रो, प्रबुद्धजनों के सामने रखे तथ्य
भोपाल.
मध्यप्रदेश की उच्चशिक्षा मे लगातार जारी घोटाले व भ्रष्टाचार के खिलाफ 51 जिलों की प्रत्येक तहसील तक चेंतना जागृत करने के लिए शुरू हुई संवाद क्रांति यात्रा बुधवार को 21-22/अगस्त /2018 को भोपाल पहुँची। यात्रा के 125 वे दिन 51वे जिला भोपाल के सभी शासकीय महाविद्यालयो व बरकतउल्ला विश्विद्यालय में संवाद करने पहुची जहां छात्रो शिक्षको प्रबुद्धजनों से संवाद कर बताया गया कि मौजूदा भ्रष्ट सिस्टम अधिकारी युवाओ के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है और सरकार उन्हें प्रश्रय दे रही है। उच्च शिक्षा मे तमाम घोटालो के लिखित तथ्य दस्तावेजी सबूतों के साथ प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसरों- विद्यार्थियों व प्रबुद्धजनों को संवाद क्रांति पत्रिका दी जिसमे मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (P.S.C.)घोटाले से लेकर भ्रष्टचारियो को संरक्षण देने के लिये नीति विरुद्ध क्रॉस कैडर प्रमोशन, छात्रवृत्ति और कुलपति नियुक्ति घोटाले के साथ ही निजी स्कूल माफिया को उजागर करते दस्तावेज है। संवाद क्रांति यात्रा के संयोजक व यात्रा के जरिये प्रदेश भर मे जागरुकता फैलाने का बीड़ा उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज प्रजापति द्वारा यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा गया कि शिक्षा के सुधार के लोगों और छात्र शिक्षकों को जागरूक कर भ्रष्टचारियो को सिस्टम से बाहर करना होगा। चेतना जागृत करने से ही क्रांति का सूत्रपात हो सकता है। सरकार और जिम्मेदार गड़बड़ी मे भागीदार बन रहे है ऐसे मैं जनता की जागरूकता ही सरकार को भी करवाई के लिए मजबूर करेगी। उन्होंने सभी को बताया कि मैंने आरटीआई व अन्य तरीकों से घोटाले व गड़बड़ी उजागर भी की लेकिन शासन और सरकार का तंत्र कार्रवाई की बजाय दोषियों को बचाने मे जुट गया। यह है कि गड़बड़ियां रोकने की बजाय पूरी बेशर्मी से सरकार भ्रष्टचारियो को बचा रही है। और तो और एक के बाद एक नए घोटालो को अंजाम देकर भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघ दी गई है। सरकार कोर्ट को भी गलत जानकारी देकर न्याय मैं बाधक बन जाती है। लिहाजा अब सिस्टम को बदलने और बेईमानो के खिलाफ वैचारिक क्रांति जरूरी है। उन्होंने सभी से अपील की की वे इन गड़बड़ियों के बारे मे व तथ्यों को अपने सभी परिचितो को भी बताए। इस तरह जागरूकता ही बदलाव की क्रांति की वाहक बनेगी.

संवाद के द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थाओं के शिक्षको ,छात्रो व प्रबुद्धजनों ने संवाद क्रांति आंदोलन को सराहा ओर इसे वर्तमान भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी बताया, साथ ही इस आंदोलन को समर्थन देते हुए वर्तमान व्यवस्था को ठीक करने के लिए एक सार्थक पहल माना है।

संवाद क्रांति 19 अप्रैल 2018 इंदौर से शुरू हुई थी। अब तक इंदौर-उज्जैन-चम्बल- ग्वालियर-सागर- रीवा -शहडोल -जबलपुर-होशंगाबाद संभाग के प्रत्येक जिले व सीहोर-राजगढ़-विदिशा-रायसेन जिले के समस्त महाविद्यालयो व विश्विद्यालयो में तथ्यात्मकरूप से हर शिक्षकों, विद्यार्थियों, व प्रबुद्धजनों तक पहुँचकर एक सकारात्मक पहल और भ्रष्टाचार के खिलाफ संवाद के माध्यम से चेतना जागृत कर चुकी है.

अब तक संवाद क्रांति द्वारा किये गए संवाद में दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षा व्यवस्था मेंं भ्रष्टाचार से कई पीड़ितों द्वारा खुलकर अपनी खुलासे किए गए जिनमे से प्रमुख –

1) शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट कर दी गई है, ज्वलंत उदाहरण है उच्च शिक्षा का क्रॉस कैडर प्रमोशन

2) वर्तमान PCS भर्ती जिसमे इंटरव्यू की व्यवस्था हटा कर सीधे तौर पर एक सड्यंत्र के तहत बड़ा भ्रष्टाचार किया जाना तय हो चुका है.

3)सेवानिवृत की अवधि 60 से बड़ा कर 62 कर लाखो योग्य बेरोजगारों के साथ बड़ा धोखा कर उनका भविष्य बर्बाद कर दिया।

4)प्रदेश में कई महाविद्यालयो की स्थिति चिंताजनक है ,कई महाविद्यालय स्कुलो के एक-दो कमरों में संचालित किए जा रहे है जहा सिर्फ 1 एक 2 शिक्षको द्वारा ही सभी प्रकार के कामो को संचालित किया जा रहा है वहां कई महाविद्यालयो में ना पढ़ने वाले है ना पढ़ाने वाले फिर भी शासन द्वारा वोट की राजनीति के कारण नए-नए महाविद्यालयो के खोले जाने की घोषणाएं की गई जो दुर्भाग्यपूर्ण होकर वोट बैंक की राजनीति है ।

5)अथिति विद्वान् शिक्षो के साथ वर्तमान व्यवस्था द्वारा किया जा रहा अन्याय

6) विश्विद्यालयो के कुलपति जैसे महत्वपूर्ण बड़े पदों पर भी चयन का पैमाना योग्यता ना होकर पूंजीवाद हो चला है,लगातार प्रदेश के विभिन्न विश्विद्यालयो के कुलपतियों के खिलाफ पुख्ता भ्रष्टाचार के प्रमाण भी आ चुके है,ओर कई कुलपतियों को भ्रष्टाचार करने के चक्कर मे मजबूरी वश भ्रष्ट शासको को दिखवटी रूप से बाहर भी करना पड़ा है जैसे भोज के पूर्व कुलपति के साथ हुआ वही दूसरी इंदौर की देवी अहिल्या विश्विद्यालय के वर्तमान कुलपति की न्युक्ति भी विवादित है उनके ऊपर पूर्व में भी शासकीय महाविद्यालय के पैसो में अनिमितता की बात खुद उच्च विभाग स्वीकार चुका है और उन्हें दोषी मान चुका है .अभी हाल ही में भोपाल के कुलपति द्वारा यह कहकर आपने इस्तीफा दिया गया कि शासक उनपर अनैतिक कार्यो के लिए दबाव डाल रहे थे जो वे एक शिक्षाविद होने के नाते नही कर सकते थे ओर उनके द्वारा इस्तीफा दे दिया गया। यही हाल प्रदेश के अन्य विश्विद्यालयो में भी है जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।

7) विश्विद्यालयनी सेवा में कार्यरत अधिकारियों के साथ भी वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था अन्याय कर रही है उन्हें नियमानुसार पदोउन्नति नही दी जा रही है और वे लाचार अधिकारी बिना पदोउन्नति के सेवानिवृत हो रहे है ।

8) पूरे प्रदेश के योग्य शिक्षको के साथ वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है जिन्हें भारतीय संस्कृति में गुरु का दर्जा दिया गया है जिन्हें ईश्वररूपी माना गया है ओर उन्ही गुरुओं के कंधों पर प्रदेश ही नही अपितु देश के भविष्य के निर्माण की बुनियाद टिकी है, परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आज मध्य प्रदेश में उन्ही गुरु(शिक्षा ) का शोषण हो रहा है उन्हें शासको ने कठपुतली बना डाला है लगातार उन्हें जलील किया जाता है जिन्हें शिक्षाविद-गुरु के नाम से सम्बोधित किया जाना चाहिए उन्हें वर्तमान निर्लज शासको द्वारा एक कर्मी मात्र बनाकर रख दिया है जो प्रदेश ही नही पूरी भारतीय संस्कृति के माथे पर एक कलंक है ।

9) वर्तमान व्यवस्था द्वारा विश्विद्यालय अनुदान आयोग(UGC) जैसी स्वतंत्र व सवैधानिक साथ को बंद करने व भविष्य में पूरी शिक्षा व्यवस्था मंत्रालय के अंतर्गत करने से प्रदेश ही नही अपितु पूरे देश मे शिक्षा का स्तर गिरेगा शिक्षा के व्यवसायिकरण को बढ़ावा मिलने के साथ ही भ्रष्टचारियो के हौसले ओर बुलंद होंगे उद्धाहरण जल्द सबके सामने आयेगे ।

10)प्रदेश के शिक्षको को शैक्षणिक कार्यो से ज्यादा अन्य प्रशासनिक व चुनावी कार्यो में लगाकर व्यवस्था खुद प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को कमजोर कर रहे है जिससे प्रदेश के लाखों छात्रो को अनुभवी शिक्षको के अनुभवों से वंचित रहना पढ़ रहा है ओर इस तरह शासन छात्रो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है इसी प्रमुख कारण से छात्रो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निजी महाविद्यालयो की ओर जाना मजबूरी बन जाता है ।

11)मध्यप्रदेश शासन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की वजह लगातार कमजोर कर रही है शासन द्वारा जो नीतियां व योजनाएं लागू किये गए है वो भ्रष्टचारियो को संरक्षण देने ओर उन्हें फलने-फूलने के लिए पर्याप्त अवसर देने वाली रही है, यही नही मध्य प्रदेश के वर्तमान शासन की कई ऐसी योजनाएं प्रदेश में लागू है जो प्रदेश के आने वाले युवा भविष्य की नींव कमजोर कर उनके भविष्य को बर्बाद करने वाली रही है रुक जाना नही इसका बड़ा उदाहरण है।

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