आरती जैन अशोकनगर। साहित्य राजसत्ता का शाश्वत विपक्ष है। इस बात की तस्दीक सुप्रसिद्ध गीतकार सुदीप भोला की यह पंक्तियां
गायत्री शक्ति पीठ पर हुआ श्राद्ध व तर्पण
राजेन्द्र सिंह भोपाल। एते भवन्तु सुप्रीता:प्रयछन्तु च मंगलम ।(हमारा मंगल करो और अमंगल दूर करो।) तर्पण, श्रमदान स्वेद बिंदुओं का प्रतीक है। वृक्षारोपण, शिक्षा संवर्धन,
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