नई दिल्ली.
अब नीट, जेईई मेन, यूजीसी नेट, सीमैट और जीमैट परीक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगी। अभी तक ये परीक्षाएं सीबीएसई आयोजित करती थीं। अब परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित होगी। इन परीक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को प्रवेश परीक्षा सुधार से जुड़े इन बड़े फैसलों का ऐलान किया। जेईई मेन्स और नीट की परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी। जावड़ेकर ने बताया कि कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं लीक प्रूफ, ज्यादा पारदर्शी और छात्र हितैषी होंगी।
संभावित परीक्षा कार्यक्रम
जेईई मेन –
– जनवरी और अप्रैल में परीक्षा
– ऑनलाइन फॉर्म 1 से 30 सितंबर तक
– संभावित परीक्षा : छह से 20 जनवरी तक आठ सिटिंग में
– नतीजे : फरवरी के पहले हफ्ते में
– अप्रैल की परीक्षा के लिए फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रक्रिया शुरू होगी
नीट
– फरवरी और मई में परीक्षा
– आवेदन 1 से 31 अक्तूबर तक
– परीक्षा : तीन से 17 फरवरी तक आठ सिटिंग में
– नतीजे : मार्च के पहले हफ्ते में
– मई के लिए परीक्षा की प्रक्रिया मार्च के दूसरे हफ्ते से शुरू होगी, जून के पहले हफ्ते में नतीजे घोषित होंगे।
यूजीसी नेट
– 1 से 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन
– 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक दो शिफ्ट में परीक्षा शनिवार और रविवार को
– परिणाम जनवरी के अंतिम सप्ताह में
नेट की परीक्षा दिसंबर में आयोजित होगी। जेईई मेन्स की परीक्षा दो बार जनवरी और अप्रेल में होगी। छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। नीट की परीक्षा फरवरी और मई में होगी।
इसलिए बदला गया परीक्षा पैटर्न
जावड़ेकर ने कहा, पहले किसी वजह से परीक्षा देने से चूकने पर दोबारा मौका नहीं मिलता था। अब दूसरा अवसर भी होगा। दोनों बार परीक्षा दी जा सकेगी। छात्रों का बेस्ट स्कोर जुड़ेगा।
नीट में हर साल करीब 13 लाख छात्र शामिल होते हैं। जेईई मेन्स के लिए करीब 12 लाख और यूजीसी नेट के लिए भी इतनी ही संख्या में परीक्षार्थी इम्तिहान देते हैं।
पाठ्यक्रम और प्रारुप पहले जैसा
नए परीक्षा पैटर्न में पाठ्यक्रम नहीं बदलेगा। प्रश्नों का प्रारुप और भाषा का विकल्प भी वही रहेगा। इसके अलावा परीक्षा फीस में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
मुफ्त प्रशिक्षण
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नीट या जेईई परीक्षा देने वाले छात्र अमूमन कंप्यूटर फ्रेंडली होते हैं। लेकिन जिनके पास लैपटॉप या कम्प्यूटर नहीं है या जो छात्र ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं उन्हें चार-पांच माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा का मतलब ऑनलाइन नहीं है। इस परीक्षा में केवल नेटवर्क की जरूरत नहीं होगी।
चार-पांच चरण
मंत्री ने बताया कि परीक्षा चार-पांच चरणों में और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ही होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जेईई एडवांस की परीक्षा का आयोजन पहले की तरह आईआईटी ही करते रहेंगे। साभार लाइव हिन्दुस्तान
खबर के लिए कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।