देश के नंबर 1 कॉलेजों के नाम की लिस्ट जारी…



नई दिल्‍ली.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के 6 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थानों की सूची जारी की है. इन संस्थानों में 3 सरकारी और 3 निजी संस्थान शामिल है. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की सूची में शामिल होने वाले विश्वविद्यालयों को अधिक सहायता दी जाती है और संस्थान कोर्स आदि पर फैसला लेने का अधिकार होता है. आइए जानते हैं इस लिस्ट में किस-किस का नाम शामिल है…

सार्वजनिक क्षेत्र की लिस्ट में तीन संस्थानों का नाम शामिल है, जिसमें आईआईटी दिल्ली भी है. आईआईटी दिल्ली देश के टॉप विश्वविद्यालयों में भी नाम शामिल है.

आईआईटी बॉम्बे- उसके बाद आईआईटी बॉम्बे का नाम है. यह भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान का दूसरा सबसे बड़ा परिसर और महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है.

आईआईएससी बेंगलुरु- भारतीय विज्ञान संस्थान भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिए अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है. यह बंगलुरु में स्थित है. इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है.

वहीं निजी संस्थानों में तीन यूनिवर्सिटी के नाम घोषित किए गए हैं, जिसमें मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एक है.

उसके बाद बिट्स पिलानी का नाम है. बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान भारत के सबसे पुराने और अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है. पिलानी (राजस्थान, भारत) के अलावा बिट्स के कैम्पस गोआ, हैदराबाद और दुबई में भी हैं.

निजी संस्थानों में तीसरा नाम जियो इंस्टीट्यूट का है और इसके नाम की घोषणा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल ये संस्थान अभी अस्तित्व में नहीं और अभी खुला नहीं है. बताया जा रहा है कि सरकार ने जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत चुना है, जो कि नए संस्थानों के लिए होती है और उनका कोई इतिहास नहीं होता है. हालांकि अभी तक इंटरनेट पर जियो इंस्टीट्यूट के कैंपस, कोर्स आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है. यह एक प्रोजेक्टेड संस्थान है.

वहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के लिये इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस ( सर्वश्रेष्ठ संस्थान ) काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हमारे यंहा 800 विश्वविद्यालय हैं लेकिन इनमें से एक भी शीर्ष 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है.

जावड़ेकर के अनुसार इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा. जावड़ेकर ने विश्व स्तरीय संस्थान बनाने के प्रयासों को करने की बात भी कही.

जावड़ेकर ने कहा कि रैंकिंग को बेहतर करने के लिए टिकाऊ योजना, पूरी आजादी और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को वित्त पोषण की जरूरत होती है. साभार आज तक

www.thedmnews.com

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