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इन शर्तों के साथ फिर से खुलेंगे डांस बार



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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार मामले में अहम फैसला सुनाया है. फैसले के मुताबिक मुंबई में एक बार फिर डांस बार खुल सकेंगे. लेकिन कोर्ट ने शर्तों के साथ डांस बार खोलने की इजाजत दी है. कोर्ट ने कहा कि डांसर को अलग से टिप नहीं दी जा सकती है और ना ही डांसर पर पैसे उछाले जा सकते हैं. बता दें कि इससे पहले 30 अगस्त 2018 को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद देश की उच्चतम न्यायलय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

शीर्ष न्यायलय ने स्कूल और धार्मिक स्थान से एक किलोमीटर की दूरी की शर्त पर कहा अतार्किक, लेकिन तर्कसंगत दूरी रहेगी. कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी. कोर्ट ने बार डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त खारिज कर दी है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने 2016 के कानून मे डांस बार के लिए कड़ी शर्तें लगाई थीं, जिनमें सीसीटीवी कैमरे लगाने की शर्त भी थी इस शर्त को भी कोर्ट खारिज कर दिया है. कानून को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गई थी.

जानिए कोर्ट के फैसले की अहम बातें

  • कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि डांसर को टिप दी जा सकती है, लेकिन उन पर पैसे नहीं फेंके जा सकते।
  • डांस बार में आर्केस्ट्रापर कोई रोक नहीं।
  • सुप्रीम कोर्ट नेसीसीटीवी कैमरा लगाने और ‘अच्छे लोगों’ को ही लाइसेंस देने की शर्त को  खत्म किया।
  • अदालत ने कहा कि मुंबई के डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोगों की निजता यानी प्राइवेसी का उल्लंघन करते हैं।
  • डांस बार में शराब पर कोई प्रतिबंध नहीं।
  • कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी है।
  • स्कूल और धार्मिक स्थान से एक किलोमीटर की दूरी की शर्त पर कहा अतार्किक लेकिन तर्कसंगत दूरी रहेगी।
  • कोर्ट ने बार डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त खारिज कर दी है।
  • डांस बार में एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी। सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक और डांसरों के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे डांस तो देखा जा सके, मगर डांसर तक पहुंचा न जा सके।
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई में डांस बार शाम 6 से 30 तक खुल सकेंगे।
  • डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए।
  • कोर्ट ने कहा कि डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, हां कुछ पाबंदियां जरूर लगाई जा सकती हैं

हर व्यक्ति को जीविका कमाने का अधिकार 

इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अपनी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है और ऐसा लग रहा है कि मुंबई में मॉरल पुलिसिंग हो रही है.

कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार हर व्यक्ति को है. आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे. नए कानून के अनुसार, बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं और राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी जहां लड़कियां डांस करती हैं.

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