बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते आज हर तीसरा आदमी एसिडिटी की समस्या से परेशान है। पेट में जब सामान्य से अधिक मात्रा में एसिड निकलता है, तो उसे एसिडिटी कहते हैं। जो व्यक्ति इस रोग से पीड़ित होता है वही इसकी पीड़ा को अच्छी तरह समझ सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति जिन दवाओं का इस्तेमाल करता है वह असल में मानव शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में साफ हुआ है कि एसिडिटी की दवाओं का सेवन किडनी को खराब कर सकता है।
अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रॉलजी के जर्नल में हाल में छपी दो रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पीपीआई की डोज और किडनी खराब होने के बीच गहरा संबंध है। 10,482 लोगों पर की गई पहली रिसर्च में कहा गया है कि पीपीआई न लेने वाले लोगों की तुलना में पीपीआई लेने वाले लोगों को किडनी रोगों का अधिक खतरा रहता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस पर और अधिक अध्ययन की जरूरत है। हालांकि, पीपीआई इस्तेमाल से ब्लड मे मैग्निशम की कमी हो जाती है, जिसका किडनी पर असर पड़ता है।
फोर्टिस में सीडॉक सेंटर फॉर एक्सिलेंस फॉर डायबीटीज के चेयरमैन डॉ. अनूप मिश्रा के मुताबिक, ‘एसिडिटी के लिए पीपीआई सबसे ज्यादा कारगर दवा है। कई शोध इसके किडनी डैमेज जैसे साइड-इफेक्ट्स के बारे में संकेत दे चुके हैं, लेकिन कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है।’ वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि इस खतरे से बचने के लिए लोगों अच्छे लाइफस्टाइल को अपनाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के कभी एसिडिटी की दवा नहीं लेनी चाहिए।
ये घरेलू उपाय हैं कारगार
- टमाटर में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी पाया जाता है। जो शरीर से जीवाणुओं को बाहर निकालता है। टमाटर स्वाद में खट्टा होता है, लेकिन इससे शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ती है। टमाटर के नियमित सेवन से एसिडिटी की शिकायत नहीं होती।
- एसिडिटी होने पर एंजाइम्स से भरे अनानास के रस का सेवन करें। खाने के बाद अगर आपको पेट अधिक भरा व भारी महसूस हो रहा है, तो आधा गिलास अनानास का ताजा रस पीने से सारी बेचैनी और एसिडिटी खत्म हो जाती है।
- अजवाइन का उपयोग भारतीय मसाले के रूप में कई सदियों होता आ रहा है, लेकिन अजवाइन सिर्फ एक मसाला ही नहीं है ये कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। यह एसिडिटी में भी बहुत फायदेमंद होती है। एसिडिटी होने थोड़ी सी अजवाइन और जीरे को साथ भून लें। फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें। इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं, एसिडिटी से राहत मिलेगी।
- पपीता अत्यंत गुणकारी फलों में से एक है। यह पेट से संबंधित बीमारियां जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी व कफ के लिए अमृत की तरह काम करता है। इससे निकलने वाला रस अपने वजन से 100 गुना प्रोटीन बहुत जल्द पचा देता है। इससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है।
- शतावारी की जड़ एसिडिटी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अगर इसकी जडों का चूर्ण को गाय के दूध में उबाल कर एसिडिटी से ग्रस्त रोगी को दिया जाए तो तेजी से आराम मिलता है। शतावरी की जडों का चूर्ण शहद के साथ चाटने से भी तेजी से फायदा होता है।
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