VHP के नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष का मध्यप्रदेश और इंदौर से है ये नाता



-52 साल में VHP में पहली बार खत्म हुआ ‘तोगड़िया’ युग

नई दिल्ली.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) में प्रवीण तोगड़िया युग की समाप्ति हो गई है। वीएचपी ने १४ अप्रैल को पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे को वीएचपी का नया अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। जिससे निश्चित तौर मोदी व अमित शाह को राहत मिलेगी। मोदी तोगड़िया के बीच टकराव से बीजेपी की छवी काफी खराब हुई, साथ ही विपक्ष को भी गाहे बेगाहे मुद‌दा मिल जाता था। अब कोकजे ने तोगड़िया के करीबी माने जाने वाले राघव रेड्डी को हरा कर इस द्वंद का ही अंत कर दिया। कोकजे अब तोगड़िया की जगह लेंगे। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 192 लोगों ने वोट डाले, जिसमें से 131 वोट कोकजे के पक्ष में और 60 वोट राघव रेड्डी के पक्ष में पड़े। वहीं एक वोट अवैध करार दिया गया।

राम मंदिर के मसले पर संसद के द्वारा कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े तोगड़िया काफी समय से आरएसएस और बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। वहीं खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना कर चुके हैं। ऐसे में तोगड़िया या उनके करीबियों का चुना जाना पहले से भी असंभव माना जा रहा था। 29 अगस्त 1964 में वीएचपी की स्थापना हुई; इसके बाद आज पहली बार चुनाव के माध्यम से वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को चुना गया है। वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने भी बताया कि विश्व हिंदू परिषद में चुनाव 52 साल में पहली बार हो रहा है। ये चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि एक वर्ग ने संगठन के पद में बदलाव की बात कही और दूसरे वर्ग ने पद छोड़ने से मना कर दिया।

पूर्व गवर्रन व जज बने अध्यक्ष
विष्णु सदाशिव कोकजे हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज रह चुके हैं। चुनाव से पहले तोगड़िया कैंप की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि कोकजे का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। कोकजे का जन्म 6 सितंबर 1939 को  मध्य प्रदेश में हुआ था। इंदौर से LLB करने के बाद 1964 में उन्होंने लॉ की प्रैक्टिस शुरू की। यह संयोग ही है कि इसी साल विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई।

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