thedmnews.com कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आनेवाले हैं. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक एग्जिट और ऑपिनियन पोल्स के जरिए कई संभावनाओं को सामने रख रहे हैं. हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने ऐसी ही 5 संभावित परिस्थितियों को सामने रखा है, जो मतगणना के दिन बन सकती हैं. आइए समझते हैं क्या हैं ये पांच संभावनाएं
कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो…
ज्यादा संभावना इस बात की है कि सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। एक ही परिस्थिति में उनके लिए संकट पैदा हो सकता है अगर वह अपनी दोनों बादामी और चामुंडेश्वरी सीटें हार जाएं। अगर कांग्रेस को बहुमत हासिल करने में कुछ सीटें कम पड़ती हैं तो वह निर्दलीयों को साथ ले सकती है। मुश्किल घड़ी में कुछ बागी भी उसके साथ आ सकते हैं। दलित CM की डिमांड बढ़ने के कारण पार्टी KPCC अध्यक्ष जी परमेश्वर को डेप्युटी सीएम बनाने का फैसला ले सकती है। यहां तक कि कांग्रेस किसी लिंगायत को डेप्युटी सीएम बनाने पर विचार कर सकती है।
अगर BJP को बहुमत मिलता है…
पार्टी सरकार बनाएगी और बीएस येदियुरप्पा ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बेल्लारी के सांसद बी श्रीरामुलु को डेप्युटी सीएम बनाया जा सकता है। वह दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। दरअसल, पार्टी की नजर 2019 के चुनावों पर है और ऐसे में श्रीरामुलु को अहम पद देकर बीजेपी अनुसूचित जनजाति के बीच अपना जनाधार मजबूत करने की कोशिश करना चाहती है। अगर बीजेपी को बहुमत में 4-5 सीटें कम पड़ती है, जैसा कि कई एग्जिट पोल्स में भी बताया गया है, तो पार्टी निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाएगी। बीजेपी विपक्षी विधायकों से संपर्क साधकर उन्हें इस्तीफा देने और दोबारा चुनाव लड़ने को भी राजी कर सकती है। ऐसा ही 2008 में उसने ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए किया था।
बाहरी समर्थन से JD(S) किंग की भूमिका में आए
जेडीएस बीजेपी या कांग्रेस की ओर से बाहर से समर्थन मिलने पर सरकार बनाए और एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बनें। दरअसल, 2019 के लोक सभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी JD(S) को समर्थन देने के लिए तैयार हो सकती है। इसके जरिए वह अपने कांग्रेस मुक्त अभियान को आगे बढ़ाना चाहेगी। अगर बीजेपी ऐसा कोई कदम उठाती है तो कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरेगा क्योंकि उसकी सरकार केवल पंजाब, मिजोरम और पुडुचेरी में रह जाएगी। वहीं, कांग्रेस भी जेडीएस को बाहर से समर्थन देने का फैसला ले सकती है, जिससे बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा जा सके। ऐसे में कांग्रेस 2019 में बीजेपी से मुकाबले के लिए एक विशाल गठबंधन की योजना तैयार करना चाहेगी।
कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती है…
पार्टी JD(S) के साथ सत्ता में साझेदारी को लेकर समझौता करेगी और अपनी संख्या बढ़ाने के लिए निर्दलीयों का भी समर्थन हासिल करना चाहेगी। कांग्रेस-जेडीएस डील की शर्तें इस बात पर निर्भर करती हैं कि JD (S) को चुनाव में कितनी सीटें मिलती हैं। इस परिस्थिति में सिद्धारमैया कांग्रेस की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार नहीं होंगे क्योंकि जेडीएस नेतृत्व के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं हैं। ऐसे में टॉप पोस्ट के लिए कांग्रेस की ओर से नया चेहरा आगे लाया जा सकता है। ऐसे भी समीकरण बन सकते हैं कि कुमारस्वामी सीएम बन जाएं और समान व्यवस्था के तहत दोनों पार्टियों के 30-30 महीने तक सीएम रहें।
बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनती है…
बीजेपी जेडीएस के साथ डील कर सकती है। इस बार भी सत्ता को लेकर डील होगी और यह जेडीएस की संख्या पर निर्भर करेगी। 30:30 व्यवस्था में, जब दोनों पार्टियों के सीएम 30-30 महीने तक रहेंगे, ऐसे में बीजेपी अपने पुराने अनुभवों के आधार पर जेडीएस को पहले दावा नहीं करने देगी। दरअसल, 20:20 व्यवस्था के तहत CM पोस्ट पर 20 महीने काबिज रहने के बाद कुमारस्वामी ने बीजेपी के येदियुरप्पा के लिए CM की कुर्सी छोड़ने से इनकार कर दिया था।
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