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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थी. लेकिन राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.
सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन सुनवाई जारी रखने का फ़ैसला किया. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि येदियुरप्पा विधानसभा में शनिवार शाम चार बजे तक अपना बहुमत साबित करें. येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्हें सौ फीसदी भरोसा है कि वो सदन में पूर्ण बहुमत साबित कर सकेंगे.
कांग्रेस नेता और पार्टी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक आंतरिक आदेश दिया है. आदेश के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण आदेश दिए गए हैं. फ्लोर टेस्ट कल ही होगा. इसके लिए जल्द ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा.” उन्होंने बताया कि येदियुरप्पा के वकील से कोर्ट ने कहा कि कल तक वो कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे.
अभिषेक मनु सिंघवी ने ये भी कहा कि राज्यपाल के काम करने के तरीके के सिलसिले में 10 सप्ताह बाद कोर्ट में सुनावाई करेगी कि क्या राज्यपाल किसी ऐसी पार्टी को दे सकती है जो अल्पमत में हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ये मुद्दा उठाया है कि किस आधार पर राज्यपाल ऐसा फ़ैसला ले सकते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि कोर्ट ने कहा है कि विश्वास मत से पहले एंग्लो इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है.
Constitution wins, Democracy restored!#BSYeddyurappa does remain a 1 day CM – Constitution rejects an illegitimate CM as also the unconstitutional decision of Governor of Karnataka.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 18, 2018
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसे “संविधान और गणतंत्र की जीत बताया.” लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि उनके सभी विधायक उनके साथ हैं.
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