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नई दिल्ली.
मई की इस झुलसा देने वाली गर्मी के बीच आखिरकार मंगलवार को मानसून केरल पहुंच गया. इस बार मानसून तीन पहले ही केरल पहुंच गया है. मानसून ने समय से पहले ही केरल में दस्तक दे दी है. सामान्य तौर पर एक जून को यह केरल तट पर पहुंचता है. मौसम विभाग ने मानसून आने की आधिकारिक घोषणा की है. अब अगले 24 घंटे के मानसून के केरल में छाने की उम्मीद है. मंगलवार को केरल सहित दक्षिण के तटवर्ती इलाकों में बारिश शुरू हो गई है.
इस बारे में मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले 24 घंटे में केरल के कुछ भागों में तेज बारिश होगी. जबकि तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के बाकी भागों में तेज बारिश के आसार हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने इस बार देश में सामान्य मानसून का अनुमान जाहिर किया है. साथ ही जून में देश के 80% इलाके में मानसून के छा जाने का अनुमान है.
हालात अनुकूल रहे तो मध्य प्रदेश में यह 12 से 15 जून के बीच आ सकता है. स्काइमेट के उपाध्यक्ष महेश पलवत के मुताबिक, सभी मौसम स्टेशनों पर लांग-वेव रेडिएशन सतत दो दिनों तक 140 डब्ल्यूएम-2 दर्ज किया गया है. इसके अलावा हवाओं का रुख भी बता रहा है कि मानसून केरल आ गया है.
ऐसे घोषित करते है मानसून
– अगर उपलब्ध 14 स्टेशनों (मिनिकॉय, एमिनी, तिरुअनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लपुझा, कोट्टयम, कुडुलु, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, थालासेरी, कन्नूर और मंगलोर) के 60 प्रतिशत में 10 मई के बाद अगर सतत दो दिन 2.5 मिमी या इससे अधिक बारिश हो जाती है तो उसके अगले दिन मानसून के आगमन की घोषणा कर दी जाती है.
– पश्चिमी हवाएं मुख्य समुद्र स्तर से ऊपर 15 हजार फीट तक होनी चाहिए.
– विदा हो रहा दीर्घ-तरंग (लांग-वेव)] रेडिएशन 200 डब्लूएम-2 (वॉट प्रति वर्गमीटर) से कम होना चाहिए.
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